अतुल सुभाष सुसाइड केस: पत्नी, मां और भाई गिरफ्तार, पुलिस को चाचा की तलाश
गिरफ्तारी की प्रक्रिया:
बेंगलुरु पुलिस ने 9 दिसंबर 2024 को 34 वर्षीय AI इंजीनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या के बाद उनके परिवार से जुड़े तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने अतुल की पत्नी निकिता सिंघानिया को गुरुग्राम से और मां निशा व भाई अनुराग को प्रयागराज से गिरफ्तार किया। यह गिरफ्तारी तब हुई जब इन सभी ने गिरफ्तारी से बचने के लिए अलग-अलग जगहों पर शरण ली थी। गिरफ्तारी के बाद तीनों आरोपियों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
अंतरिम जमानत की अर्जी खारिज:
सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तारी से बचने के लिए तीनों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अंतरिम जमानत के लिए आवेदन किया था। हालांकि, हाईकोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया। इसके बाद पुलिस ने इनका पता लगाकर इन्हें अलग-अलग जगहों से गिरफ्तार किया।
फरार चाचा सुशील सिंघानिया की तलाश जारी:
इस मामले में निकिता सिंघानिया के चाचा सुशील सिंघानिया भी आरोपियों की सूची में शामिल हैं। पुलिस उनकी तलाश कर रही है और जौनपुर सहित कई इलाकों में छापेमारी की जा रही है। सुशील फिलहाल फरार हैं।
अतुल सुभाष की आत्महत्या:
अतुल सुभाष, जो बेंगलुरु की एक प्राइवेट कंपनी में AI इंजीनियर के रूप में काम कर रहे थे, ने 9 दिसंबर को 24 पन्नों का सुसाइड नोट और 90 मिनट का वीडियो रिकॉर्ड करने के बाद आत्महत्या कर ली। इस घटना ने पूरे देश में सनसनी फैला दी।
सुसाइड नोट में आरोप:
अतुल के सुसाइड नोट और वीडियो में उनकी पत्नी निकिता सिंघानिया पर गंभीर आरोप लगाए गए थे। उन्होंने कहा कि निकिता ने उन पर दहेज और अप्राकृतिक यौन उत्पीड़न के झूठे मामले दर्ज करवाए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि निकिता और उनके परिवार ने उन्हें मानसिक और आर्थिक रूप से प्रताड़ित किया, जिससे वह तनाव में आ गए।
पुलिस का कदम:
पुलिस ने जौनपुर स्थित निकिता के मकान पर नोटिस भी चिपकाया था, जिसमें तीन दिनों के भीतर बयान दर्ज कराने का निर्देश दिया गया था। जब आरोपी वहां नहीं मिले, तो पुलिस ने उन्हें खोजकर अलग-अलग स्थानों से गिरफ्तार किया।
अगला कदम:
पुलिस अब इस केस से जुड़े सभी सबूतों को इकट्ठा कर रही है और फरार चाचा सुशील सिंघानिया को पकड़ने की कोशिश में जुटी है। इस मामले की जांच के बाद आरोपियों पर कानून के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मामले की संवेदनशीलता:
अतुल सुभाष की आत्महत्या ने दहेज और पारिवारिक उत्पीड़न के मामलों पर गंभीर बहस छेड़ दी है। यह घटना समाज में मानसिक स्वास्थ्य, पारिवारिक विवाद और कानूनी तंत्र के दुरुपयोग जैसे मुद्दों पर विचार करने की आवश्यकता को उजागर करती है।