ऊना के लोहारा गांव के आंगनबाड़ी वर्कर के बच्चों ने हासिल की बड़ी सफलता, बेटा बना न्यूक्लियर साइंटिस्ट, बेटी ने की रासायनिक विज्ञान में पीएचडी
ऊना जिले के अम्ब उपमंडल के लोहारा गांव के रहने वाले नरेश वशिष्ठ और उनकी पत्नी, जो आंगनबाड़ी वर्कर हैं, के बच्चों ने शिक्षा और मेहनत के दम पर एक नई मिसाल पेश की है। उनके बेटे, सुशांत वशिष्ठ का चयन न्यूक्लियर पावर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NPCIL) में बतौर साइंटिस्ट हुआ है, जबकि उनकी बेटी, डॉ. दीक्षा वशिष्ठ ने आईआईटी रूपनगर से रासायनिक विज्ञान में पीएचडी की डिग्री हासिल की है।
सुशांत वशिष्ठ ने गांव के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय से 12वीं तक की पढ़ाई की और इसके बाद बीटेक (मैकेनिकल) की डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने नौकरी के साथ-साथ साइंटिस्ट बनने का सपना भी देखा। गेट परीक्षा में शानदार प्रदर्शन करते हुए उन्होंने आईआईटी कानपुर में पीएचडी में दाखिला लिया और परमाणु ऊर्जा विभाग का टेस्ट पास करके न्यूक्लियर पावर कार्पोरेशन में बतौर साइंटिस्ट अपनी नियुक्ति हासिल की।
वहीं, दीक्षा वशिष्ठ ने भी कठिन मेहनत के साथ अपनी शिक्षा पूरी की और गेट परीक्षा पास कर आईआईटी रूपनगर से रासायनिक विज्ञान में पीएचडी की डिग्री प्राप्त की। दोनों भाई-बहन ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और गुरुजनों को दिया है और युवाओं को प्रेरित करते हुए बताया कि सफलता के लिए कोई शॉर्टकट नहीं होता, बल्कि मेहनत ही सबसे बड़ी कुंजी है।
उनकी इस सफलता पर क्षेत्र के नेताओं ने उन्हें बधाई दी है, जिसमें विधायक सुदर्शन सिंह बबलू, हिमाचल प्रदेश एससी कमीशन के चेयरमैन कुलदीप कुमार, और पूर्व विधायक बलवीर सिंह शामिल हैं।