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कैबिनेट के बड़े फैसले: मेधावी छात्रों को सस्ता शिक्षा ऋण और FCI को 10,700 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता

कैबिनेट के बड़े फैसले: मेधावी छात्रों को सस्ता शिक्षा ऋण और FCI को 10,700 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता

कैबिनेट के बड़े फैसले: मेधावी छात्रों को सस्ता शिक्षा ऋण और FCI को 10,700 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। इन फैसलों में शिक्षा को सुलभ बनाने के लिए पीएम विद्यालक्ष्मी योजना और भारतीय खाद्य निगम (FCI) को 10,700 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता देने का निर्णय शामिल है। इन कदमों का उद्देश्य मेधावी छात्रों और किसानों को बेहतर अवसर और सहायता प्रदान करना है।

पीएम विद्यालक्ष्मी योजना: मेधावी छात्रों के लिए सस्ता और आसान शिक्षा ऋण

केंद्र सरकार ने मेधावी छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने हेतु पीएम विद्यालक्ष्मी योजना को मंजूरी दी है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य है कि आर्थिक कठिनाइयों के कारण किसी भी छात्र की पढ़ाई प्रभावित न हो। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घोषणा की कि इस योजना के तहत छात्रों को 10 लाख रुपये तक का शिक्षा ऋण सस्ती ब्याज दरों पर उपलब्ध होगा, जिससे छात्रों के उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई करना आसान हो जाएगा।

योजना के मुख्य लाभ

  • सस्ती ब्याज दर: विद्यालक्ष्मी योजना के तहत छात्रों को 10 लाख रुपये तक का ऋण 3% ब्याज अनुदान के साथ मिलेगा।
  • गारंटी और जमानत मुक्त ऋण: इस योजना में बैंक और वित्तीय संस्थानों से ऋण लेने के लिए किसी गारंटी या जमानत की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे छात्रों को ऋण लेना सरल हो जाएगा।
  • 75% क्रेडिट गारंटी: सरकार 7.5 लाख रुपये तक के ऋण पर 75% क्रेडिट गारंटी देगी, जिससे बैंक छात्रों को आसानी से ऋण प्रदान कर सकें।
  • आय सीमा: इस योजना का लाभ उन परिवारों को मिलेगा जिनकी वार्षिक आय 8 लाख रुपये से कम है।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस फैसले को शिक्षा सुलभता के क्षेत्र में एक बड़ा कदम बताते हुए कहा कि यह देश के युवाओं को सशक्त करेगा और उन्हें उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।

भारतीय खाद्य निगम (FCI) के लिए 10,700 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता

इसके अतिरिक्त कैबिनेट ने भारतीय खाद्य निगम (FCI) को 10,700 करोड़ रुपये की नई इक्विटी पूंजी देने का निर्णय लिया। इस फंड का उपयोग FCI की कार्यशील पूंजी के रूप में किया जाएगा, जिससे अनाज की खरीद, भंडारण और वितरण में FCI की भूमिका मजबूत होगी।

इस निर्णय के लाभ

  • किसानों को लाभ: इस राशि से FCI की अनाज खरीद क्षमता बढ़ेगी, जिससे किसानों को उनकी उपज के लिए अधिक और बेहतर अवसर मिलेंगे।
  • खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना: अनाज वितरण और कीमतों में स्थिरता लाने में सहायता मिलेगी, जिससे देश में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम है।
  • भंडारण की क्षमता: FCI को दी गई इस वित्तीय सहायता से उसके भंडारण क्षमता को मजबूत किया जाएगा, जिससे अनाज की बर्बादी कम होगी और किसानों की उपज का संरक्षण बेहतर ढंग से हो सकेगा।

गृह मंत्री अमित शाह ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि यह निर्णय किसानों और युवाओं के कल्याण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। शाह ने यह भी कहा कि पीएम विद्यालक्ष्मी योजना से युवाओं की शिक्षा में आने वाली वित्तीय बाधाएं दूर होंगी, जिससे वे आर्थिक स्थिति की परवाह किए बिना उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे।

सरकार द्वारा लिए गए ये फैसले न केवल मेधावी छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए आर्थिक मदद उपलब्ध कराएंगे, बल्कि देश में खाद्य सुरक्षा को भी सुनिश्चित करेंगे। PM विद्यालक्ष्मी योजना और FCI के लिए 10,700 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता का उद्देश्य राष्ट्र के विकास और कल्याण में योगदान देना है।

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