पानी बचाओ आंदोलन तुरंत शुरु करने की है जरूरत : रविन्द्र शर्मा
पंचकूला, 13 जुलाई (संदीप सैनी) आज पीपल्स फ्रंट पंचकूला के तत्वावधान में “जल है तो कल है ,जल ही है जीवन का आधार” विषय पर सेक्टर 12 में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता पी एफ पी के अध्यक्ष ओ पी सिहाग ने की। पानी जो प्राणियों एवं वनस्पति के जीवन का आधार है ,वो लगातर खत्म हो रहा है ,घट रहा है,प्रदुषित हो रहा है । इस अति संवेदनशील तथा बहुत ही गम्भीर मुद्दे को लेकर आज शहर की जानी-मानी हस्तियों ने पानी के मानव जाति, प्राणियों एवं वनस्पति के लिए महत्व,इसके बचाव तथा संरक्षण बारे 2 घण्टे बड़ी ही गंभीरता से चर्चा की।
आज की संगोष्ठी में पंचकूला में विभिन्न क्षेत्रो में सक्रिय रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता, पर्यावरण संरक्षण में काम करने वाले नान गवर्नमेंट ऑर्गनाइजेशन से जुड़ी नामचीन हस्तियां ,पूर्व अधिकारी एवं सीनियर सिटीजंस कौन्सिल के पदाधिकारी शामिल हुए। आज इस संगोष्ठी में शहर की सबसे बड़ी दो संस्थाओं सीनियर सिटीजंस कौन्सिल एवं हरियाणा रिटायर्ड ऑफिसरज एसोसिएशन के अध्यक्ष रवीन्द्र शर्मा तथा महासचिव करतार सिंह ऐलावादी ,आईटीबीपी भानु के पूर्व आई जी ईश्वर सिंह दुहन , माइंड वेदा के संस्थापक कंवल बिन्दुवार, शिक्षाविद श्रीमति बेनुराव , हितैषी फाउंडेशन के मुखिया एवं शहर के प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता भारत हितैषी , पूर्व में अधिकारी रहे,सामाजिक कार्यो में अति सक्रीय तथा ब्राह्मण जागृत महासभा पंचकूला के प्रधान एम पी शर्मा, पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करने वाली पुष्पा सघरोहा, केंद्रीय सरकार में पूर्व में अधिकारी रहे तथा पीपल्स फ्रंट पंचकूला के उपाध्यक्ष सुरिन्दर चड्डा, हरियाणा स्वास्थ्य विभाग के पूर्व में अधिकारी रहे, समाज सेवा में अग्रणी तथा पीपल्स फ्रंट पंचकूला के वरिष्ठ उपाध्यक्ष के सी भारद्वाज, पूर्व में कोच रहे सुखजीत सिंह सूखी ने भाग लिया।
आज की संगोष्ठी में भाग लेने वाले शहर की सभी शख्सियतों ने एक मत से माना कि आज दुनिया में सबसे बड़ा मुद्दा जल संरक्षण का है, जल संसाधनो के अत्यधिक दोहन को रोकने के अतिरिक्त पानी की बर्बादी को रोकना है। इस बारे जानकारी साँझा करते हुए इस कार्यक्रम के आयोजक ओ पी सिहाग ने बताया कि इस संगोष्ठी में पानी के बचाव तथा बर्बादी रोकने हेतू आम नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित होनी बड़ी जरूरी है ।उन्होंने बताया कि लोग अनजाने में या नासमझी में पानी के प्रयोग की बजाय दुरुपयोग ज्यादा करते हैं ।उदाहरण के तौर पर लोग नहाने, अपने घर के फर्श धोने, गाड़ी धोने या लॉन में पानी देने में बहुत ही महंगा सेंकड़ों लीटर पानी बर्बाद कर देते हैं जबकि उपरोक्त सभी कार्य बहुत ही कम पानी प्रयोग करके किए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि आमतौर लोग ब्रूस करते हुए या शेव करते हुए पानी की टूटी खुली चलाकर काफी पानी बर्बाद करते हैं ये कार्य मग का प्रयोग करके कम पानी में हो सकता है।
संगोष्ठी में उपस्थित सभी महानुभावों ने अपने अपने अनुभवों में कहा कि जो विभाग शहर में वाटर सप्लाई करता है उनकी लापरवाही या अनदेखी के कारण भी पाइप लाइनो में जगह जगह लीकेज होने के कारण हजारों लीटर पानी बर्बाद हो जाता है। सभी का मत था कि आम नागरिकों को भी चाहिए कि अगर उनको कहीं भी पाइपों में लीकेज दिखाई दे तो तुरंत उसकी शिकायत संबंधित विभाग को दे । इसके अलावा संगोष्ठी में य़ह भी चर्चा हुई कि सरकार के स्तर पर जो पानी बारिश के दिनों में छोटे छोटे नालों, बरसाती नदियों में बह जाता है उसको छोटे छोटे डैम बनाकर रोका जाए तथा आम लोगों को भी चाहिए कि वो अपने अपने प्रतिष्ठानों में पानी का संरक्षण करने बारे कार्य करे। सब का मत था कि घरों से ग्रेवाटर निकलता है उसको लॉन में पानी देने या सिंचाई आदि में प्रयोग में लाया जाना चाहिए इसी प्रकार शहर के बड़े पार्को मे पीने के पानी के स्थान टरसरी वाटर का प्रयोग होना चाहिए। आज की इस अति महत्वपूर्ण संगोष्ठी में ये निर्णय भी लिया गया कि आमजनों को जागृत करने बारे व्यापक अभियान चलाने की जरूरत है तथा बड़े स्तर पानी बचाने तथा इसके संरक्षण के लिए एक बड़े स्तर पर कार्यक्रम का आयोजन किया जाना जरूरी है तथा प्रशासन एवं सरकार के बड़े अधिकारियों से मिलकर इस अभियान को आगे बढ़ाने की जरूरत है।