दलाईलामा से मिलने पहुंचे जिंदा शहीद मनिंदर बिट्टा
देश में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में बड़ा चेहरा माने जाने वाले मनिंदर जीत सिंह बिट्टा हिमाचल पहुंचे हैं। इस दौरान वह सबसे बड़े बौद्ध धर्मगुरु दलाईलामा से भेंट करेंगे। उनका गगल एयरपोर्ट पर स्वागत किया गया। मुलाकात के बाद बाद दोपहर को उनकी वापसी का कार्यक्रम है। मौजूदा समय में एमएस बिट्टा सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में शहीदों के परिवारों के लिए काम कर रहे हैं।
आतंकवाद के खिलाफ उनके संघर्ष के चलते उन पर 14 बार जानलेवा हमले हो चुके हैं। इसी कारण केंद्र सरकार ने उन्हें साल 1992 से आजीवन जेड प्लस सिक्योरिटी दी है। उन्हें लोग जिंदा शहीद कहते हैं। एमएस बिट्टा खुले मंच से देश विरोधी ताकतों को ललकारते हैं। गौर रहे कि जब 1992 में अमृतसर में एक ब्लास्ट में 13 लोग मारे गए थे तब एमएस बिट्टा ने अपना एक पैर खो दिया था।
मनिंदर जीत सिंह बिट्टा पर नई दिल्ली में भी जानलेवा हमला हुआ था, जिसमें उनके बॉडीगार्ड की मौत हो गई थी। इसके अलावा कई और हमले हुए हैं। आल इंडिया एंटी टेरेरिस्ट फ्रंट के जिलाध्यक्ष बलविंद्र सिंह बबलू ने बताया कि एमएस बिट्टा देश के रियल हीरो है।
एमएस बिट्टा अब राजनीति छोड़ चुके हैं। वह पंजाब में बेअंत सिंह की सरकार में मंत्री और भारतीय युवा कांग्रेस के चीफ रह रह चुके हैं।
राजनीति छोडऩे के बाद अब वह कारगिल युद्ध और भारतीय संसद पर हुए हमले में शहीद हुए जवानों के परिवारों की देखभाल का जिम्मा उठाए हुए हैं।