न्यूजक्लिक के संपादक को SC से बड़ी राहत
नई दिल्ली।
सुप्रीम कोर्ट ने ‘न्यूज़क्लिक’ के प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ की गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत गिरफ्तारी और उसके बाद हिरासत (रिमांड) को अवैध घोषित
करते हुए उन्हें अविलंब रिहा करने का बुधवार को आदेश दिया। न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने पुरकायस्थ की ओर से दायर याचिका पर यह आदेश पारित किया।
पीठ ने यह आदेश पारित करते हुए इस बात पर भी गौर किया कि आरोपी को उनकी गिरफ्तारी के आधार का खुलासा नहीं किया गया था। शीर्ष अदालत ने इस तथ्य का भी संज्ञान लिया कि मामले में आरोपपत्र पहले ही दायर किया जा चुका है। पुरकायस्थ का पक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने रखा, जबकि दिल्ली पुलिस का प्रतिनिधित्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने किया।
शीर्ष अदालत के आदेश पर श्री राजू ने कहा कि चूंकि गिरफ्तारी को शून्य घोषित कर दिया गया है, इसलिए यह पुलिस को गिरफ्तारी की शक्ति का आगे प्रयोग करने से नहीं रोक सकता है। इस पर पीठ ने मौखिक रूप से कहा, ‘आपको कानून के तहत जो भी अनुमति है वह कर सकते हैं।’ न्यूज़क्लिक के संस्थापक और प्रधान संपादक पुरकायस्थ और इसके एचआर प्रमुख अमित चक्रवर्ती ने आतंकद विरोधी कानून गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत दर्ज एक मामले में अक्टूबर 2023 में अपनी गिरफ्तारी वाको चुनौती दी।