भगवान कृष्ण प्रेम ,कर्म व नारी सम्मान की मूरत – एम के भाटिया।
पंचकूला 26 अगस्त आज एम के भाटिया ने अपने सहकर्मियों संग जन्माष्टमी का त्योहार भावपूर्ण वातावरण में मनाया , उन्होंने अपने सभी सहकर्मियों को भगवान कृष्ण के जीवन से शिक्षा ग्रहण करने की बात कही । उन्होंने कहा कि
प्रेम की जहाँ कहीं भी बात होती है, उनके माखन चोरी द्वारा प्रेम व राधा-कृष्णा के पवित्र प्रेम की मिसाल जरूर दी जाती है। प्रेम का प्रतीक बनना आसान नहीं होता है, प्रेम की राहें दुर्गम और कठिन होती हैं, लेकिन सच्चे प्रेम व सौहार्द से ही समाज कल्याण की नींव रखी जा सकती है।
इस प्रकार श्री कृष्ण ने हमेशा नारी को शक्ति बताया, उसके सम्मान के लिए तत्पर रहे। पूरी महाभारत नारी के सम्मान के लिए ही लड़ी गई। सो, आप कृष्ण भक्त हैं तो अपने आसपास की महिलाओं का पूरा सम्मान करें, सच्चे मायने में यही वीमेन एम्पोवेर्मेंट है ।
वहीं श्री कृष्ण ने मोह से मुक्त होकर निर्लिप्त भाव से कर्म करने की शिक्षा दी। कृष्ण ने अपने भक्तों से निष्ठा और समर्पण की अपेक्षा की , यदि इसे अक्षरशः जीवन में अपना लिया जाए तो सफलता खुदबखुद आएगी।