सरकार की तरफ से महाधिवक्ता रखेंगे पक्ष
अदालत में युग मर्डर केस में 25 जुलाई को होगी सुनवाई
विधि संवाददाता-शिमला
युग मर्डर केस में सरकार की ओर से महाधिवक्ता अपना पक्ष रखेंगे। हाई कोर्ट में इस मामले के दोषियों को सुनाई फांसी की सजा पर बहस होनी थी परंतु सरकार की ओर से पेश उप-महाधिवक्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया कि गृह विभाग से प्राप्त हिदायत के अनुसार इस मामले की पैरवी महाधिवक्ता द्वारा की जाएगी।
दोषियों की ओर से भी मामले पर सुनवाई जुलाई माह में दोषियों को सुनाई फांसी की सजा के पुष्टिकरण पर हाई कोर्ट में किए जाने की मांग की जिसे स्वीकारते हुए कोर्ट ने सुनवाई 25 जुलाई को निर्धारित करने के आदेश जारी किए। तीनों दोषियों की फांसी की सजा के पुष्टिकरण का मामला सत्र न्यायाधीश शिमला की ओर से रेफरेंस के तौर पर हाई कोर्ट के समक्ष रखा है।
इस मामले में तीनों दोषियों ने भी अपील के माध्यम से सत्र न्यायाधीश शिमला के फैसले को चुनौती दी है। दस वर्ष पहले शिमला में एक मासूम चार वर्षीय बच्चे युग की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई थी। हत्या में शामिल तीन दोषियों को जिला एवं सत्र न्यायाधीश शिमला की अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है।
छह सितंबर, 2018 को तीनों दोषी चंद्र शर्मा, तेजिंद्र पाल और विक्रांत बख्शी को सजा सुनाते हुए तत्कालीन सत्र न्यायाधीश विरेंदर सिंह की अदालत ने इस अपराध को दुर्लभ से दुर्लभतम श्रेणी के दायरे में पाया था। तीनों दोषियों ने 14 जून, 2014 को शिमला के रामबाजार से फिरौती के लिए युग का अपहरण किया था। अपहरण के दो साल बाद सीआईडी ने मामले को सुलझाते हुए अगस्त 2016 में भराड़ी पेयजल टैंक से युग का कंकाल बरामद किया था।