Breaking News

हिमाचल प्रदेश: HRTC बस में राहुल गांधी से जुड़ा वीडियो देखना बना विवाद, ड्राइवर-कंडक्टर को नोटिस

हिमाचल प्रदेश: HRTC बस में राहुल गांधी से जुड़ा वीडियो देखना बना विवाद, ड्राइवर-कंडक्टर को नोटिस

हिमाचल प्रदेश: HRTC बस में राहुल गांधी से जुड़ा वीडियो देखना बना विवाद, ड्राइवर-कंडक्टर को नोटिस

हिमाचल प्रदेश के शिमला से एक अजीब मामला सामने आया है, जहां एक सरकारी परिवहन बस (एचआरटीसी) में राहुल गांधी पर डिबेट से जुड़े वीडियो देखने के कारण बस के ड्राइवर और कंडक्टर को नोटिस जारी किया गया। मामला इतना बढ़ गया कि शिकायत सीधा मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) तक पहुंची और एचआरटीसी प्रबंधन ने ड्राइवर-कंडक्टर से जवाब तलब कर लिया।


मामला क्या है?

यह घटना शिमला के ढली सब-डिपो की एक एचआरटीसी बस में हुई। बस संजौली रूट पर थी, जब एक यात्री फोन पर वीडियो देख रहा था। वीडियो में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, अखिलेश यादव, ममता बनर्जी, और तेजस्वी यादव के बारे में चर्चा चल रही थी।

वीडियो की आवाज काफी तेज थी, जिससे बस में सवार सैम्युल प्रकाश, जो कि नवबहार क्षेत्र का निवासी है, असहज हो गया। उसने इसे अनुचित मानते हुए 5 नवंबर को मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) को शिकायत भेज दी।


सीएमओ से मिली शिकायत, कार्रवाई में जुटा एचआरटीसी

शिकायत मिलने के बाद सीएमओ ने इसे हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) को कार्रवाई के लिए सौंप दिया।
25 नवंबर को एचआरटीसी प्रबंधन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए बस के ड्राइवर और कंडक्टर को नोटिस जारी कर तीन दिनों के भीतर जवाब मांगा।


ड्राइवर-कंडक्टर से पूछा गया सवाल

नोटिस में ड्राइवर और कंडक्टर से यह सवाल किया गया:

  1. वीडियो चलने से क्यों नहीं रोका?
    सरकारी वाहनों में इस तरह की सामग्री देखना और सुनाना निषेध है।
  2. सवारियों को अनुशासन में रखना कर्तव्य है—तो आपने यह सुनिश्चित क्यों नहीं किया?

हालांकि, ड्राइवर और कंडक्टर ने अपनी गलती मानने से इनकार किया और बताया कि यात्री ने व्यक्तिगत डिवाइस (फोन) पर वीडियो देखा था।


एचआरटीसी की नीति और प्रबंधन का रुख

एचआरटीसी के नियमों के अनुसार, सरकारी वाहनों में किसी भी तरह की विवादित या आपत्तिजनक सामग्री का प्रसारण या सुनवाई प्रतिबंधित है।

  • ड्राइवर और कंडक्टर की जिम्मेदारी: यह सुनिश्चित करना कि बस में कोई ऐसा कार्य न हो जो कानून या प्रबंधन की नीति के विरुद्ध हो।
  • वीडियो पर सख्ती: यह पहली बार है जब किसी यात्री द्वारा देखे गए वीडियो को लेकर ड्राइवर-कंडक्टर को नोटिस जारी किया गया।

एचआरटीसी की ओर से अभी तक इस मामले में अंतिम फैसला या प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।


ड्राइवर-कंडक्टर का पक्ष

  • ड्राइवर और कंडक्टर ने स्पष्ट किया कि उन्होंने किसी भी यात्री को विवादित सामग्री चलाने के लिए प्रोत्साहित नहीं किया।
  • यात्री अपने निजी फोन पर वीडियो देख रहा था, और बस के स्टाफ ने इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं किया।

राजनीतिक पृष्ठभूमि

यह मामला राजनीतिक रूप से भी चर्चा में आ गया है।

  • हिमाचल प्रदेश की मौजूदा सुक्खू सरकार पर आरोप लगाया जा रहा है कि यह मामले को ज्यादा तूल दे रही है।
  • विपक्ष का दावा है कि यह कार्यवाही सरकारी कर्मचारियों को डराने और दबाव में लाने की कोशिश है।

यह घटना न केवल सरकारी वाहनों में अनुशासन और नियमों के पालन की ओर ध्यान खींचती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि कैसे छोटी-छोटी घटनाएं राजनीतिक और प्रशासनिक विवाद का रूप ले सकती हैं।
इस मामले में एचआरटीसी का फैसला और प्रबंधन की प्रतिक्रिया भविष्य में कर्मचारियों और यात्रियों के लिए दिशानिर्देश तय करने में अहम भूमिका निभाएगी।

wedsite add

 

About Special Correspondent

Check Also

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का फर्जी फेसबुक अकाउंट बना साइबर स्कैम की कोशिश, हजारीबाग में मामला उजागर

Latest Update Online :राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का फर्जी फेसबुक अकाउंट बना साइबर स्कैम की कोशिश, हजारीबाग में मामला उजागर

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का फर्जी फेसबुक अकाउंट बना साइबर स्कैम की कोशिश, हजारीबाग में मामला …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *