हे राजनीतिक प्राणियों अपने स्वार्थ हेतू मत बांटो हमे धर्म व जातियों में- ओ पी सिहाग
पंचकूला, 19 जुलाई (संदीप सैनी) आज पीपल्स फ्रंट पंचकूला के अध्यक्ष ओ पी सिहाग ने देश और प्रदेश के सभी राजनीतिक पार्टियों के नेताओं से गुहार लगायी है कि आप अपनी राजनीतिक स्वार्थपूर्ति के लिए देश तथा प्रदेश की जनता को जाति,क्षेत्र, भाषा एवं धर्म के आधार पर मत बांटो । सिहाग ने कहा कि सोने की चिड़िया कहलाने वाला हमारा देश भारत सेंकड़ों सालों तक विदेशी हुकूमतों के अधीन रहा । हमारी भारत माता सेंकड़ों वर्षो तक विदेशी आक्रांताओं के भीषण हमलों से लहूलुहान होकर उनकी जंजीरों में जकड़ी रही। विदेशी क्रूर हमलावरों ने जहां हमारे देश की सम्पत्ति को लूटा वहीं हमारी मां बहनों की इज्जत को भी उन वहशी दरिंदों ने तार-तार किया । ओ पी सिहाग ने कहा कि अगर इतिहास पर गौर करें तो सेंकड़ों सालों की गुलामी की एक ही वज़ह थी,वो थी हमारी आपस की फूट । एक दूसरे के खिलाफ लड़ना , विभिन्न जातियों में बंटे होना, आपस में एक दूसरे के खिलाफ साजिश रचना । भारत के इतिहास में ऐसे सेंकड़ों उदाहरण मिल जाएंगे जब छोटी छोटी रियासतों में बंटे उस समय के राजाओं ने अपने किसी पड़ोसी राजा को हराने के लिए विदेशी हमलावरों की मदद ली हो । हमारी इन रियासतों के आपसी लड़ाई झगडे तथा फूट का फायदा उठाकर दूसरे देशों से आए मुठ्ठी भर आक्रमणकारी विदेशियों ने हमारे देश पर राज किया । हमारी संस्कृति, सभ्यता एवं सम्पन्नता को तहस नहस कर दिया तथा सम्पत्ति लूट कर विदेश ले गये।
पी एफ पी अध्यक्ष सिहाग ने कहा कि हजारों आजादी के दीवानों की क़ुर्बानियों, लंबे संघर्ष तथा बलिदानों के बाद विदेशी शासकों से देश को मुक्ति मिली तथा देश के करोडों वाशिंदों ने उन्मुक्त गगन में आजादी की साँस ली । देश में लोकतंत्र बहाल हुआ, लोगों ने अपने हिसाब से सरकारें बनाई तथा देश तरक्की की तरफ अग्रसर भी हुआ। सरकारें आई सरकारें गई ।जहां देश ने काफी मामलों में उन्नति की, विकास हुआ वहीं भ्रष्टाचारी रूपी दानव ने भी अपनी जड़ें जमाई । उन्होंने कहा कि आजादी के बाद देश में जो हुक्मरान रहे उनके राजवंशों की तरह राज करने की हवस ने धीरे-धीरे देश के लोकतांत्रिक ताने बाने पर सवालिया निशान लगाने भी शुरू कर दिए।
ओ पी सिहाग ने कहा कि पिछले कुछ सालों में राजनितिक पार्टियों के सिपहसलारों ने लोगों को धर्म, भाषा व जातिओ में बांटना शुरू करके “डिवाइड एन्ड रूल ” के फार्मूले पर काम शुरू कर दिया है। इस प्रकार काफ़ी पार्टियों के नेताओं ने इसी फार्मूले से कई राज्यों में सत्ता हथियाने का काम भी किया, जो सारे देश के आने वाले भविष्य के लिए बहुत खतरनाक है तथा देश की एकता तथा अखंडता को भी खतरा पैदा करने का काम करेगा। सिहाग ने कहा कि अभी पिछले कुछ सालों में तो धर्म तथा जाति के आधार पर राजनीति करने का काम प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप में काफी बढ़ा है। देश की राजनीति में शिखर पर बैठे नेता भी अब जनता के वोट पाने लिए धर्म एवं जाति की बात सरेआम करने में कोई संकोच नहीं करते।
ओ पी सिहाग ने कहा कि जिन बड़े नेताओं की आम लोगों को जाति का पता नहीं था वो बड़े नेता भरी सभाओं में अपनी जाति/वर्ग की बात बड़े ठोककर करने लगे है ताकि उनकी जाति, समुदाय के लोग उनकी पार्टी से जुड़ सके तथा उनको वोट दे। सिहाग ने सभी पार्टियों के नेताओं से आग्रहपूर्वक विनती की है कि हे महापुरुषों अपने राजनीतिक स्वार्थ सिद्धि के लिए सारे समाज तथा देश को धर्म व जाति पाती में न बांटो । उन्होंने नेताओ से कहा कि देश की जनता को अमन चैन व शांति से रहने दो ।उन्होंने कहा कि अगर देश में इन स्वार्थी नेताओ की सत्ता में टिके रहने या सत्ता पाने की हवश ने हम सबको जाति,भाषा,क्षेत्र या धर्म के नाम पर इसी प्रकार लड़वाया तो वो दिन दूर नहीं जब सारे देश को पहले जैसे हालातों से गुजरना पड़ेगा।