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3 बेटियों के बाद हुआ बेटे का जन्म, दो सिर देखकर मां-बाप के उड़े होश, डॉक्टरों ने किया ‘चमत्कार’

3 बेटियों के बाद हुआ बेटे का जन्म, दो सिर देखकर मां-बाप के उड़े होश, डॉक्टरों ने किया ‘चमत्कार’

3 बेटियों के बाद हुआ बेटे का जन्म, दो सिर देखकर मां-बाप के उड़े होश, डॉक्टरों ने किया 'चमत्कार'

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में एक दुर्लभ और चौंकाने वाला मामला सामने आया, जहां एक महिला ने दो सिर वाले बच्चे को जन्म दिया। तीन बेटियों के बाद बेटे के जन्म की खबर से परिवार में खुशी का माहौल था, लेकिन बच्चे का चेहरा देखते ही सबकी उम्मीदें टूट गईं। बच्चे को देखकर सभी हैरान रह गए और स्थानीय डॉक्टरों ने इसे लाइलाज बीमारी बताया।

Encephalocele बीमारी की चपेट में था बच्चा

डॉक्टरों के मुताबिक, यह दुर्लभ मामला Encephalocele नामक बीमारी का था। यह बीमारी मां के गर्भ में ही विकसित होती है और करोड़ों में से किसी एक बच्चे को होती है। इस बीमारी में बच्चे के सिर के कुछ हिस्से असामान्य तरीके से बाहर की ओर उभर आते हैं।

  • इस बीमारी के कारण सिर के ऊतक या दिमाग का हिस्सा बाहरी थैली में विकसित हो जाता है।
  • ऑपरेशन बेहद जटिल होता है और बच्चे के बचने की संभावना भी बेहद कम होती है।

स्थानीय डॉक्टरों ने किया हाथ खड़े

बच्चे के जन्म के बाद स्थानीय डॉक्टरों ने यह कहकर हाथ खड़े कर दिए कि बच्चे की बीमारी लाइलाज है और उसका इलाज संभव नहीं है। परिवार ने बच्चे के इलाज के लिए काफी कोशिश की, लेकिन कहीं भी सफलता नहीं मिली।

प्रयागराज के डॉक्टरों ने किया ‘चमत्कार’

मायूस परिवार किसी की सलाह पर बच्चे को लेकर प्रयागराज के डॉक्टरों के पास पहुंचा। वहां विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने बच्चे का गहन परीक्षण किया और ऑपरेशन करने का फैसला लिया।

  • ऑपरेशन बेहद जटिल और जोखिमभरा था, लेकिन डॉक्टरों ने अपनी काबिलियत और अनुभव का परिचय दिया।
  • कई घंटे चले इस ऑपरेशन के बाद बच्चे के सिर की समस्या को ठीक कर दिया गया।

डॉक्टरों की मेहनत से मिली नई जिंदगी

ऑपरेशन के सफल होने के बाद परिवार की उम्मीदें फिर से जाग उठीं। डॉक्टरों ने बताया कि यह ऑपरेशन बेहद दुर्लभ और चुनौतीपूर्ण था, लेकिन बच्चे की स्थिति अब स्थिर है।

Encephalocele: रेयर डिसऑर्डर

  1. कारण: यह बीमारी भ्रूण के विकास के दौरान तंत्रिका नली (Neural Tube) के सही से बंद न होने की वजह से होती है।
  2. संभावना: लाखों-करोड़ों में से किसी एक बच्चे में यह समस्या देखने को मिलती है।
  3. इलाज: इसके इलाज में सर्जरी ही एकमात्र विकल्प होता है, लेकिन सफलता की संभावना कम होती है।

इस दुर्लभ और चमत्कारी घटना ने एक बार फिर मेडिकल साइंस की प्रगति को साबित कर दिया है। प्रयागराज के डॉक्टरों की टीम ने असंभव को संभव कर दिखाया और दो सिर वाले बच्चे को नई जिंदगी दी। परिवार अब खुश है और डॉक्टरों का आभार जता रहा है।

इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि जहां एक ओर दुर्लभ बीमारियां चुनौती हैं, वहीं दूसरी ओर मेडिकल विज्ञान लगातार नई ऊंचाइयां छू रहा है।

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