Himachal Election : स्टार प्रचारक ने नाम भी लिया, तो…
रैली में प्रत्याशी का पोस्टर भी पड़ेगा भारी; 95 लाख से अधिक खर्च, तो जीतने पर भी जाएगी सदस्यता
News Next ब्यूरो — मंडी
लोकसभा चुनावों में निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित 95 लाख रुपए से अधिक की राशि व्यय करने पर प्रत्याशी के विजयी होने पर भी उसकी सदस्यता जा सकती है। इसलिए सभी प्रत्याशियों को
निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित सीमा के अंदर ही प्रचार पर धनराशि व्यय करने के कड़े निर्देश चुनाव आयोग ने दिए हैं। यही नहीं, इस बार स्टार प्रचारक रैली में अपने प्रत्याशी का नाम भी नहीं ले
सकेंगे। बिना नाम लिए ही स्टार प्रचारक को अपने प्रत्याशी के लिए समर्थन मांगना होगा।
किसी भी दल या प्रत्याशी का स्टार प्रचारक की रैली में अगर प्रत्याशी उपस्थित होता है या उसका रैली में पोस्टर भी लगाया जाता है, तो भी रैली का सारा खर्च प्रत्याशी के खाते में जुड़ेगा। यही नहीं, रैली में अगर स्टार प्रचारक प्रत्याशी का नाम भी लेता है, तो भी रैली का खर्च प्रत्याशी के ही खाते में जुड़ेगा।
चुनाव आयोग की प्रत्याशियों के चुनावी व्यय की निगरानी के लिए वीडियो सर्विलांस टीमें लगातार नजर रखे हुए हैं। निर्वाचन अधिकारी मंडी अपूर्व देवगन ने शुक्रवार को लोकसभा चुनाव के प्रत्याशियों और उनके व्यय एजेंटों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए बताया कि शैडो ऑब्जरवेशन रजिस्टर पर उनके सारे खर्च की गणना की जा रही है। उन्होंने बताया कि व्यय रजिस्टर का मिलान शैडो ऑब्ज़र्वेशन रजिस्टर से नहीं होता है, तो प्रत्याशी को नोटिस जारी किया जाएगा।
नामांकन से परिणाम तक सारे खर्चे प्रत्याशी के चुनाव खर्च में जुड़ेंगे
प्रत्याशी के नामांकन के दिन से लेकर परिणाम घोषित होने तक के सारे खर्चे को प्रत्याशी के चुनाव खर्च में जोड़ा जाएगा और प्रचार के सारे खर्च का हिसाब परिणाम घोषित होने के एक महीने के अंदर देना होगा। अगर प्रत्याशी खर्च का हिसाब नहीं देता है, तो वह तीन साल तक चुनाव नहीं लड़ सकता है। चुनावी व्यय के लिए प्रत्याशी को अलग से बैंक अकाउंट खोलना होता है। 10 हजार से ज्यादा का भुगतान चैक के माध्यम से करना होता है।
स्टार कैंपेनर प्रत्याशी का नाम लेता है, तो रैली का सारा खर्च प्रत्याशी के खाते में जोड़ा जाएगा। अगर रैली में दो उम्मीदवार उपस्थित होंगे, तो रैली का खर्च आधा-आधा उनके खाते में जोड़ा जाएगा। उन्होंने बताया कि जिला में गठित एमसीएमसी लगातार पेड न्यूज, राजनीतिक विज्ञापन पर कड़ी नजर रख रही हैं। अगर कोई प्रत्याशी राजनीतिक विज्ञापन सोशल या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में प्रसारित करना चाहता है, तो उसे जरूर एमसीएमसी से प्रमाणित करवा लें।