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महाराष्ट्र चुनाव: नवाब मलिक से दोस्ताना, सना मलिक को टिकट देकर अजित पवार की रणनीति से उलझी बीजेपी
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अजित पवार की चालों ने बीजेपी को मुश्किल में डाल दिया है। बीजेपी ने शुरुआत में एनसीपी नेता नवाब मलिक की उम्मीदवारी का विरोध किया था और उनके अंडरवर्ल्ड दाऊद इब्राहिम से कथित संबंधों के कारण असहज थी। लेकिन अजित पवार ने बीजेपी की योजना को बाधित करते हुए आखिरी क्षणों में नवाब मलिक को मानखुर्द शिवाजी नगर से एनसीपी का अधिकृत उम्मीदवार बना दिया।
अजित पवार ने पहले नवाब मलिक की बेटी सना मलिक को अणुशक्ति नगर से टिकट देकर एक तरह का विकल्प बनाया। फिर 29 अक्टूबर को नामांकन के अंतिम दिन, नवाब मलिक ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मानखुर्द शिवाजी नगर से नामांकन भरा। लेकिन थोड़ी ही देर में अजित पवार ने उन्हें एनसीपी का एबी फॉर्म देकर बीजेपी को प्रतिक्रिया का मौका नहीं दिया और मलिक एनसीपी के प्रत्याशी बन गए।
मानखुर्द शिवाजी नगर सीट पर नवाब मलिक का मुकाबला अब समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता अबू आजमी से होगा, जो इस क्षेत्र में तीन बार विधायक रह चुके हैं। यह क्षेत्र मुस्लिम बहुल है, जिससे चुनावी गणित और दिलचस्प हो गया है। कई राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि अजित पवार का यह कदम बीजेपी की रणनीति को भटकाने के लिए था, जिससे महायुति को एक मजबूत मुस्लिम प्रत्याशी मिल सके।
बीजेपी के लिए स्थिति असहज हो गई है क्योंकि उसने नवाब मलिक के खिलाफ लंबे समय से मोर्चा खोल रखा था। पार्टी नेता आशीष सेलार ने स्पष्ट किया है कि बीजेपी नवाब मलिक के लिए प्रचार नहीं करेगी। हालांकि शिवसेना (यूबीटी) और विपक्षी दल इस पर चुटकी ले रहे हैं, और सोशल मीडिया पर भी बीजेपी समर्थकों से सवाल किया जा रहा है कि वे नवाब मलिक को समर्थन कैसे देंगे। विपक्षी दलों का कहना है कि बीजेपी अब इस मुद्दे पर खुलकर बोल भी नहीं पा रही है।
अजित पवार की इस चाल ने महाराष्ट्र चुनावों में न सिर्फ एक नई रोचकता लाई है, बल्कि बीजेपी के लिए स्थिति को और पेचीदा बना दिया है।