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ऊना में बनेगा मॉडल सोलर गांव: सस्ती और स्वच्छ बिजली की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत एक गांव को मॉडल सोलर गांव के रूप में विकसित करने की योजना बनाई गई है। इस परियोजना का उद्देश्य ग्रामीणों को सस्ती और स्वच्छ बिजली प्रदान करना है। सौर ऊर्जा पर आधारित इस पहल के लिए सरकार ने एक करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया है।
योजना का उद्देश्य और लाभ
ऊना जिले में इस मॉडल सोलर गांव के विकास का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में बिजली की जरूरतों को सौर ऊर्जा से पूरा करना और ग्रामीणों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। योजना के तहत गांव में उत्पन्न अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में भेजने की भी व्यवस्था होगी, जिससे ग्रामीणों को अतिरिक्त आय का अवसर मिलेगा।
चयन प्रक्रिया और लाभार्थी गाँव
इस योजना के अंतर्गत ऐसे गांवों का चयन किया गया है, जिनकी जनसंख्या 2000 से अधिक है। उपायुक्त जतिन लाल के अनुसार, जिले में 2011 की जनगणना के मुताबिक 32 ऐसे गांव हैं, जो इस योजना में शामिल किए जा सकते हैं। इसमें ग्राम पंचायतों को भी शामिल करने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि योजना का लाभ व्यापक स्तर पर पहुंच सके।
सुविधाएं और प्रावधान
मॉडल सोलर गांव में निम्नलिखित सुविधाएं प्रदान की जाएंगी:
- सामुदायिक सौर संयंत्र – गांव की सामुदायिक जरूरतों को पूरा करने के लिए।
- रूफटॉप सोलर प्लांट – घरों की छतों पर सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना।
- सोलर पंपिंग सिस्टम – खेती और अन्य कार्यों के लिए।
- सोलर लाइट्स – घरों और गांव में स्ट्रीट लाइट्स की व्यवस्था।
उपायुक्त ने बताया कि घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को 3 किलोवाट तक के ग्रिड-कनेक्टेड सोलर पावर प्लांट पर सब्सिडी मिलेगी। इसके तहत 2 किलोवाट तक की क्षमता पर प्रति किलोवाट 33,000 रुपये और अतिरिक्त 1 किलोवाट पर 19,800 रुपये की सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
सौर ऊर्जा का उपयोग और ग्रिड में योगदान
इस योजना से ग्रामीण अपने घरों की बिजली की जरूरतें पूरी कर सकेंगे और अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में भेजकर आर्थिक लाभ प्राप्त कर सकेंगे। यह कदम सौर ऊर्जा के माध्यम से ऊर्जा की स्थिरता को बढ़ावा देने के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में स्वच्छ ऊर्जा का प्रसार करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
इस परियोजना की प्रगति की समीक्षा के लिए उपायुक्त जतिन लाल की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई, जिसमें सहायक आयुक्त वरिंदर शर्मा, हिम ऊर्जा के परियोजना निदेशक और डीएलसीसी के सदस्य सचिव सोहन लाल समेत अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे। इस बैठक में योजना की प्रगति और कार्यान्वयन की रणनीति पर भी चर्चा की गई।
स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम
यह पहल हिमाचल प्रदेश में स्वच्छ और सस्ती ऊर्जा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है। इससे न केवल बिजली की लागत में कमी आएगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलेगी।