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कैलाश गहलोत: ‘आम आदमी पार्टी छोड़ने की असली वजह विचारधारा में बदलाव’
आम आदमी पार्टी (आप) के साथ सात वर्षों तक जुड़े रहे और दिल्ली सरकार में मंत्री पद संभालने वाले कैलाश गहलोत ने हाल ही में पार्टी से इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का दामन थाम लिया। उनके इस कदम ने दिल्ली की राजनीति में हलचल मचा दी है। बीजेपी में शामिल होने के एक दिन बाद, गहलोत ने खुलकर अपनी बात रखी और उन कारणों को बताया जिनकी वजह से उन्होंने ‘आप’ छोड़ने का फैसला किया।
आप छोड़ने की मुख्य वजह: ‘विचारधारा में बदलाव’
कैलाश गहलोत ने कहा कि उन्होंने ‘आप’ में एक विचारधारा और सिद्धांत के साथ काम करने के लिए कदम रखा था, लेकिन समय के साथ पार्टी की वह मूल विचारधारा कमजोर होती दिखाई दी।
- गहलोत का बयान:
“मैं उन लाखों कार्यकर्ताओं में से एक था, जो पार्टी की विचारधारा और सिद्धांतों से जुड़े थे। पार्टी सिर्फ एक व्यक्ति से नहीं बनती, बल्कि लाखों लोगों के समर्पण से बनती है। लेकिन अब मुझे लगता है कि पार्टी की मूल विचारधारा और सिद्धांत कमजोर हो गए हैं। यह फैसला अचानक नहीं हुआ, बल्कि समय के साथ यह बदलाव महसूस हुआ।”
- उन्होंने यह भी कहा कि विचारधारा में बदलाव रातोंरात नहीं होता, इसे समझने में समय लगता है।
‘डरकर पार्टी नहीं छोड़ी’
गहलोत ने आप पर लगाए गए आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि उन्होंने किसी दबाव या डर के कारण पार्टी नहीं छोड़ी।
- आयकर छापेमारी और जांच:
- 2018 में उनके घर पर आयकर विभाग की छापेमारी हुई थी।
- इसके बाद सीबीआई और ईडी ने उनसे पूछताछ की, लेकिन उन्होंने हर बार जांच एजेंसियों का सहयोग किया।
- गहलोत ने कहा,
“मुझे डराने की कोशिशें पहले भी हुईं, लेकिन मैं डरा नहीं। मेरे खिलाफ कोई समन या जांच लंबित नहीं है। मैंने हमेशा नियमों का पालन किया है। इसलिए पार्टी छोड़ने का यह कारण बिल्कुल गलत है।”
बीजेपी में जाने का फैसला
गहलोत ने यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने बीजेपी इसलिए चुनी क्योंकि उन्हें लगा कि उनकी विचारधारा अब बीजेपी के सिद्धांतों से मेल खाती है।
- उन्होंने यह भी संकेत दिया कि आने वाले समय में ‘आप’ से और भी नेता पार्टी छोड़ सकते हैं।
- गहलोत ने कहा,
“मैंने हिम्मत जुटाई और फैसला लिया। मेरे जैसे कई लोग पार्टी के अंदर भी असंतोष महसूस कर रहे हैं।”
आप की प्रतिक्रिया
कैलाश गहलोत के पार्टी छोड़ने के बाद आम आदमी पार्टी ने उन पर आरोप लगाए कि उन्होंने ईडी और सीबीआई के डर के कारण यह कदम उठाया।
- आप के प्रवक्ताओं ने कहा कि पार्टी के खिलाफ उठाए गए किसी भी कदम के पीछे राजनीतिक दबाव काम करता है।
- हालांकि गहलोत ने इन आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि यह आरोप बेबुनियाद हैं।
गहलोत के इस्तीफे का प्रभाव
कैलाश गहलोत जैसे वरिष्ठ नेता के पार्टी छोड़ने से ‘आप’ को झटका लग सकता है।
- आप के लिए चुनौतियां:
- पार्टी के अंदर असंतोष की भावना को उजागर करता है।
- आने वाले दिनों में अन्य नेताओं के पार्टी छोड़ने की संभावना बढ़ सकती है।
- बीजेपी को फायदा:
- बीजेपी को दिल्ली की राजनीति में मजबूत पकड़ बनाने में मदद मिलेगी।
- गहलोत का प्रशासनिक अनुभव बीजेपी के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
कैलाश गहलोत का आप छोड़कर बीजेपी में शामिल होना केवल एक राजनीतिक कदम नहीं है, बल्कि यह दिल्ली की राजनीति में हो रहे बड़े बदलावों का संकेत भी है। जहां ‘आप’ अपने नेताओं के आरोपों को नकार रही है, वहीं गहलोत का पार्टी छोड़ने का यह कदम विचारधारा के कमजोर होने और आंतरिक असंतोष की ओर इशारा करता है। अब देखना यह है कि यह बदलाव दिल्ली की राजनीति को किस दिशा में ले जाता है।