Breaking News

Latest News Online:तेलंगाना में मंदिरों में सोशल मीडिया को-ऑर्डिनेटर्स नियुक्ति की मांग पर BJP का पलटवार

तेलंगाना में मंदिरों में सोशल मीडिया को-ऑर्डिनेटर्स नियुक्ति की मांग पर BJP का पलटवार

 

तेलंगाना में कांग्रेस की ओर से मंदिर समितियों और ट्रस्ट बोर्डों में सोशल मीडिया को-ऑर्डिनेटर्स नियुक्त करने की मांग पर बीजेपी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (TPCC) के अध्यक्ष महेश कुमार गौड़ ने हाल ही में प्रदेश के एन्डोमेंट्स मंत्री कोंडा सुरेखा को एक चिट्ठी लिखकर अनुरोध किया कि मंदिरों के विकास और गतिविधियों का प्रचार-प्रसार सोशल मीडिया पर करने के लिए को-ऑर्डिनेटर्स की नियुक्ति की जाए। इस मांग को लेकर राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है, जिसमें बीजेपी और विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने कांग्रेस की मंशा पर सवाल उठाए हैं।

बंडी संजय कुमार का तीखा बयान

इस मुद्दे पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंडी संजय कुमार ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा, “मंदिर आस्था के स्थल हैं, न कि राजनीतिक पुनर्वास केंद्र। हिंदू मंदिर समितियों में सोशल मीडिया को-ऑर्डिनेटर्स की नियुक्ति करना मंदिरों के आध्यात्मिक उद्देश्य को कमजोर करना है। क्या कांग्रेस के पास इतनी हिम्मत है कि वे ऐसी मांग मस्जिदों और चर्चों में करें, या यह योजना केवल हिंदू मंदिरों के लिए है?” उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस को पहले मंदिरों की रक्षा और उनकी पवित्रता बनाए रखने पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने तेलंगाना सरकार से आग्रह किया कि मंदिरों में होने वाली नियुक्तियों में पारदर्शिता रखी जाए और उसमें किसी प्रकार का राजनीतिक हस्तक्षेप न हो।

बीआरएस और VHP ने भी किया विरोध

बीआरएस नेता मन्ने कृष्णांक और VHP ने भी इस योजना का विरोध करते हुए इसे मंदिरों के मूल आध्यात्मिक उद्देश्य के खिलाफ बताया है। VHP के राष्ट्रीय प्रवक्ता आर शशिधर ने कहा, “मंदिर आध्यात्मिक स्थान हैं और धर्मस्व विभाग को मंदिरों से जुड़ी सभी गतिविधियों का प्रबंधन करने का दायित्व दिया गया है। मंदिरों के प्रचार-प्रसार के लिए हिंदू प्रचार परिषद जैसी संस्थाएं पहले से मौजूद हैं।”

कांग्रेस का तर्क

कांग्रेस का मानना है कि मंदिरों के विकास कार्यों का प्रचार-प्रसार सोशल मीडिया के माध्यम से व्यापक रूप से करने की जरूरत है, ताकि जनता मंदिरों से जुड़ी गतिविधियों और विकास के बारे में जागरूक हो सके। हालांकि, विपक्षी दल इस मांग को मंदिरों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ और धार्मिक संस्थानों में राजनीतिक हस्तक्षेप मानते हुए इसका विरोध कर रहे हैं।

राजनीतिक और धार्मिक तनाव बढ़ने के आसार

इस मांग ने तेलंगाना में राजनीतिक तनाव को और बढ़ा दिया है। यह मामला न केवल राज्य में बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा का विषय बन गया है, जहां विभिन्न दल धार्मिक स्थलों की पवित्रता और उनसे जुड़े राजनीतिक हस्तक्षेप पर अपनी राय व्यक्त कर रहे हैं।

wedsite add

About Special Correspondent

Check Also

3 बेटियों के बाद हुआ बेटे का जन्म, दो सिर देखकर मां-बाप के उड़े होश, डॉक्टरों ने किया 'चमत्कार'

3 बेटियों के बाद हुआ बेटे का जन्म, दो सिर देखकर मां-बाप के उड़े होश, डॉक्टरों ने किया ‘चमत्कार’

3 बेटियों के बाद हुआ बेटे का जन्म, दो सिर देखकर मां-बाप के उड़े होश, …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *