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हिमाचल में कांटेदार तार और जाली की बाड़बंदी पर मिलेगा अनुदान, सोलर फेंसिंग को नहीं मिलेगी सब्सिडी
हिमाचल प्रदेश में किसानों की परेशानियों को समझते हुए सुक्खू सरकार ने एक नई पहल शुरू की है, जिसके तहत कांटेदार तार और जाली से बाड़बंदी को बढ़ावा दिया जा रहा है। अब किसानों को सोलर फेंसिंग के बजाय कांटेदार तार और जाली वाली बाड़बंदी पर 70 प्रतिशत तक की सब्सिडी मिलेगी। इस फैसले का उद्देश्य जंगली जानवरों की बढ़ती समस्या से निपटना और किसानों को खेती में रुकावट से बचाना है, क्योंकि पिछले कुछ सालों में जंगली जानवरों के हमले बढ़ने के कारण कई किसान खेती छोड़कर शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं।
अब सोलर फेंसिंग के लिए कोई अनुदान नहीं दिया जाएगा, जबकि कांटेदार तार और जाली की बाड़बंदी को लेकर किसानों को आर्थिक मदद मिलेगी। इसके तहत लोहे के एंगल के साथ 6 फुट ऊंची कांटेदार तार बाड़ लगाने पर 291 रुपए प्रति मीटर की दर से अनुदान मिलेगा, जो पहले 416 रुपए था। वहीं, जालीदार तार की बाड़ लगाने पर 448 रुपए प्रति मीटर की दर से अनुदान दिया जाएगा, जो पहले 640 रुपए था।
किसानों को बाड़बंदी के लिए आवेदन करते वक्त आधार कार्ड, जमीन के खाता खतौनी, बैंक पासबुक, जाति प्रमाण पत्र और बाड़बंदी का एस्टीमेट जैसे दस्तावेज़ लगाना आवश्यक होगा। आवेदन की प्रक्रिया ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर होगी। इसके साथ ही, कृषि विभाग के अधिकारियों को इस योजना का प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि अधिक से अधिक किसान इस योजना का लाभ उठा सकें।
हिमाचल प्रदेश में 9.97 लाख किसान परिवार खेती और बागवानी से जुड़े हुए हैं, जिनमें से अधिकांश छोटे और मार्जिनल किसान हैं। कृषि सचिव सी. पाल रासु के मुताबिक, सोलर फेंसिंग के अच्छे परिणाम नहीं आ रहे थे और इसकी उच्च लागत के कारण किसान कम आवेदन कर रहे थे, इसीलिए कांटेदार तार और जाली के विकल्प को बढ़ावा देने का निर्णय लिया गया।