उस्ताद जाकिर हुसैन का निधन: इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस क्या है?
विश्वविख्यात तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का निधन 16 दिसंबर, 2024 को हुआ। उनके निधन का कारण इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस (Idiopathic Pulmonary Fibrosis – IPF) नामक एक गंभीर फेफड़ों की बीमारी था।
इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस क्या है?
इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस (IPF) एक ऐसी बीमारी है जिसमें फेफड़ों के ऊतक धीरे-धीरे मोटे और कठोर हो जाते हैं। यह एक प्रकार का निशान ऊतक (scar tissue) है जो फेफड़ों को कड़ा बना देता है और सांस लेने को मुश्किल बनाता है। ‘इडियोपैथिक’ शब्द का मतलब है कि इस बीमारी का कोई ज्ञात कारण नहीं है।
IPF कैसे होता है?
सामान्य रूप से, फेफड़े में छोटी-छोटी हवा की थैलियां होती हैं जिन्हें एल्वियोली कहते हैं। ये एल्वियोली ऑक्सीजन को रक्त में ले जाने का काम करते हैं। IPF में, ये एल्वियोली मोटे और कठोर हो जाते हैं, जिससे ऑक्सीजन का आदान-प्रदान प्रभावित होता है।
IPF के लक्षण
- सांस लेने में कठिनाई: यह IPF का सबसे आम लक्षण है। शुरुआत में यह हल्का हो सकता है लेकिन समय के साथ यह बढ़ता जाता है।
- सूखी खांसी: एक लगातार सूखी खांसी भी IPF का एक आम लक्षण है।
- थकान: IPF के कारण शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है, जिससे थकान महसूस होती है।
- भूख न लगना और वजन कम होना: यह भी IPF के सामान्य लक्षण हैं।
- उंगलियों और पैरों का फूलना: यह भी IPF का एक संकेत हो सकता है।
IPF के कारण
IPF के सटीक कारण अभी तक पूरी तरह से ज्ञात नहीं हैं, लेकिन कुछ कारक जो इसे बढ़ा सकते हैं, उनमें शामिल हैं:
- धूम्रपान: धूम्रपान IPF के खतरे को बढ़ा सकता है।
- परिवारिक इतिहास: अगर परिवार में किसी को IPF रहा है, तो दूसरे सदस्यों में भी होने का खतरा बढ़ जाता है।
- उम्र: यह बीमारी आमतौर पर बुजुर्गों में होती है।
- कुछ दवाएं: कुछ दवाएं भी IPF के खतरे को बढ़ा सकती हैं।
- वातावरण में कुछ रसायनों का संपर्क: कुछ रसायन भी IPF का कारण बन सकते हैं।
IPF का इलाज
IPF का कोई इलाज नहीं है, लेकिन कुछ दवाएं और उपचार लक्षणों को कम करने और बीमारी की प्रगति को धीमा करने में मदद कर सकते हैं।
- दवाएं: कुछ दवाएं फेफड़ों के ऊतकों को नुकसान होने की गति को धीमा कर सकती हैं।
- ऑक्सीजन थेरेपी: यह उन लोगों के लिए उपयोगी होता है जिनके रक्त में ऑक्सीजन का स्तर कम होता है।
- फेफड़े का प्रत्यारोपण: कुछ गंभीर मामलों में, फेफड़े का प्रत्यारोपण एक विकल्प हो सकता है।
उस्ताद जाकिर हुसैन के निधन से संगीत जगत को एक बड़ा नुकसान हुआ है। उनकी आत्मा को शांति मिले।