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CJI संजीव खन्ना का पहला दिन: वकील को सुनवाई के दौरान फटकार, “यहां आपका लेक्चर नहीं सुनने आए हैं”
11 नवंबर 2024 को जस्टिस संजीव खन्ना ने भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ ली और पद संभालते हुए अपने कार्यकाल की शुरुआत की। इस अवसर पर उन्होंने जस्टिस पीवी संजय कुमार के साथ मिलकर न्यायिक कार्यवाही की। उनकी अगुवाई में एक महत्वपूर्ण मामला सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) और ऋण वसूली न्यायाधिकरण (DRT) से संबंधित था, जिसमें वरिष्ठ वकील मैथ्यूज नेदुम्पारा ने पैरवी की।
सुनवाई के दौरान हुए विवाद:
इस मामले की सुनवाई के दौरान, वकील नेदुम्पारा ने अदालत से यह अनुरोध किया कि सुप्रीम कोर्ट का न्यायिक कार्य सामान्य वकीलों के लिए भी होना चाहिए, न कि केवल बड़े औद्योगिक घरानों जैसे अंबानी और अडानी के मामलों की त्वरित सुनवाई की तरह। उनका कहना था कि छोटे व्यवसायों के मामले न्याय मिलने में समय ले रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बड़े उद्योगपतियों के मामलों में विशेष और त्वरित फैसले किए जाते हैं, जबकि MSME से संबंधित मामले लटके रहते हैं।
इस पर CJI संजीव खन्ना का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने नेदुम्पारा को तीखे शब्दों में जवाब देते हुए कहा, “हम यहां आपका लेक्चर सुनने के लिए नहीं आए हैं। अगर दिक्कत है तो कृपया डीआरटी (ऋण वसूली न्यायाधिकरण) में जाएं।” यह प्रतिक्रिया दर्शाती है कि CJI ने अदालत की कार्यवाही में हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं दी और न ही किसी को अदालत में अपने विचारों की लंबी व्याख्या करने की इजाजत दी।
नेदुम्पारा का पिछला विवाद:
यह कोई पहला मौका नहीं था जब मैथ्यूज नेदुम्पारा ने अदालत के साथ विवाद किया हो। इससे पहले जुलाई में, उन्होंने तत्कालीन CJI जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ से भी तकरार की थी, जब वे NEET-UG मामले की सुनवाई के दौरान अदालत के कामकाज में व्यवधान डाल रहे थे। जस्टिस चंद्रचूड़ ने उन्हें अदालत से बाहर करने के लिए मार्शल को आदेश दिया था।
CJI खन्ना का कार्यकाल और स्वागत:
जस्टिस संजीव खन्ना ने राष्ट्रपति भवन में “ईश्वर के नाम पर” शपथ ली। इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें शपथ दिलाई। इसके बाद, उन्होंने देहरादून के जस्टिस संजय कुमार के साथ कोर्ट रूम नंबर एक में सुनवाई की शुरुआत की और वकीलों को धन्यवाद दिया। वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने उनके कार्यकाल की शुभकामनाएं दीं और अन्य वकीलों ने भी उन्हें शुभकामनाएं दीं।
मुख्य बिंदु:
- जस्टिस संजीव खन्ना का CJI के रूप में पहला दिन था।
- सुनवाई के दौरान वकील मैथ्यूज नेदुम्पारा से तीखी बहस हुई।
- नेदुम्पारा ने सुप्रीम कोर्ट में बड़े औद्योगिक घरानों के मामलों में त्वरित सुनवाई पर सवाल उठाए।
- CJI खन्ना ने वकील को फटकारते हुए कहा, “यहां आपका लेक्चर नहीं सुनने आए हैं।”
- यह वाकया जस्टिस खन्ना के पहले दिन के कार्यकाल में एक महत्वपूर्ण घटना बनकर उभरा।
इस घटना ने न्यायिक कार्यों के प्रति CJI खन्ना के दृष्टिकोण को स्पष्ट किया, जिसमें वह अदालत की कार्यवाही में व्यर्थ की बहस और हस्तक्षेप से बचने के पक्षधर नजर आए।