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तालिबान ने मुंबई में वाणिज्यदूत नियुक्त किया: भारत-अफगानिस्तान रिश्तों में नया मोड़
अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने भारत के मुंबई स्थित अफगान महावाणिज्य दूतावास में इकरामुद्दीन कामिल को कार्यवाहक वाणिज्यदूत के रूप में नियुक्त किया है। अफगानिस्तान की बख्तार न्यूज एजेंसी के अनुसार, तालिबान सरकार ने भारत में अपने राजनयिक संबंधों को मजबूत करने के लिए यह कदम उठाया है। कामिल का यह नियुक्ति भारत और अफगानिस्तान के बीच लंबे समय से रुकी हुई काउंसलर सेवाओं को फिर से शुरू करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है।
भारत की प्रतिक्रिया:
हालांकि, भारत सरकार ने अभी तक इस नियुक्ति पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। भारत ने अब तक अफगानिस्तान के तालिबान शासन को मान्यता नहीं दी है, लेकिन तालिबान के साथ उच्च स्तरीय प्रतिनिधित्व और बातचीत को जारी रखा है। कुछ समय पहले अफगान मामलों पर भारत के संयुक्त सचिव जेपी सिंह ने अफगानिस्तान के कार्यवाहक रक्षा मंत्री मुल्ला याकूब से मुलाकात भी की थी, जिससे भारत और तालिबान के बीच संवाद का स्तर बढ़ा है।
कौन हैं इकरामुद्दीन कामिल?
कामिल अंतरराष्ट्रीय कानून में पीएचडी धारक हैं और तालिबान सरकार में विदेश मंत्रालय के सुरक्षा सहयोग और सीमा मामलों के उपनिदेशक के रूप में काम कर चुके हैं। उनकी नियुक्ति से अफगानिस्तान के वाणिज्य और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के क्षेत्र में संबंध सुधारने की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है।
भारत और तालिबान के रिश्तों का भविष्य:
अगर भारत इस नियुक्ति को मान्यता देता है तो यह तालिबान के साथ संबंधों में औपचारिक मान्यता का एक प्रारंभिक संकेत हो सकता है। यह कदम भारत के रणनीतिक लक्ष्यों, अफगानिस्तान के लोगों के प्रति सहानुभूति, और क्षेत्रीय स्थिरता की आवश्यकता को देखते हुए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
विपक्षी दृष्टिकोण:
यह घटनाक्रम विवादास्पद भी है, क्योंकि भारत में तालिबान के शासन को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों और संगठनों के बीच मतभेद हैं। बीजेपी और अन्य कुछ दल इस मुद्दे पर नज़र बनाए हुए हैं और तालिबान के किसी भी कदम के प्रभाव पर चिंतन कर रहे हैं।
तालिबान का अनुरोध और भारत की स्थिति:
द संडे गार्डियन की रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान ने इस नियुक्ति के लिए भारत से आधिकारिक अनुमति का अनुरोध किया था। यदि भारत इस नियुक्ति को स्वीकृति प्रदान करता है, तो इसे दोनों देशों के रिश्तों में एक नया अध्याय माना जाएगा।