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दिल्ली में वायु प्रदूषण का कहर: जेएनयू और डीयू ने की ऑनलाइन कक्षाओं की घोषणा
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लगातार बिगड़ती वायु गुणवत्ता और खतरनाक स्तर तक बढ़े एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) के कारण शैक्षणिक संस्थान भी प्रभावित हो रहे हैं। इस स्वास्थ्य संकट को देखते हुए, दिल्ली की दो प्रमुख यूनिवर्सिटीज—जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) और दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) ने अपने शैक्षणिक संचालन में बदलाव किए हैं।
जेएनयू की ऑनलाइन कक्षाओं की घोषणा
जेएनयू प्रशासन ने 18 नवंबर को एक आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी करते हुए घोषणा की कि:
- ऑनलाइन कक्षाएं:
- 22 नवंबर 2024 तक कक्षाएं पूरी तरह से ऑनलाइन मोड में संचालित होंगी।
- परीक्षा का तरीका अपरिवर्तित:
- परीक्षाओं के आयोजन का तरीका और समय वही रहेगा, जैसा पहले तय किया गया था।
- स्वास्थ्य और सुरक्षा प्राथमिकता:
- विश्वविद्यालय ने छात्रों के स्वास्थ्य और कल्याण को प्राथमिकता देते हुए यह निर्णय लिया है।
- कारण:
- खतरनाक वायु गुणवत्ता और “मेडिकल इमरजेंसी” की स्थिति को देखते हुए यह कदम उठाया गया है।
दिल्ली यूनिवर्सिटी का निर्णय
दिल्ली यूनिवर्सिटी ने भी 23 नवंबर 2024 तक कक्षाओं को ऑनलाइन मोड में बदलने का फैसला लिया है।
- फिजिकल कक्षाओं की वापसी:
- डीयू प्रशासन ने कहा है कि 25 नवंबर 2024 से नियमित फिजिकल कक्षाएं फिर से शुरू होंगी।
- छात्रों की सुरक्षा:
- AQI के “खतरनाक स्तर” तक पहुंचने के कारण यह निर्णय छात्रों और स्टाफ की सुरक्षा के लिए लिया गया है।
दिल्ली सरकार की घोषणा
दिल्ली सरकार ने वायु गुणवत्ता की गंभीर स्थिति को “मेडिकल इमरजेंसी” करार दिया है।
- संस्थानों को निर्देश:
- सरकार ने स्कूलों, कॉलेजों और अन्य संस्थानों से छात्रों और आम जनता के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए निवारक उपाय अपनाने का आग्रह किया।
- स्कूलों और कॉलेजों में प्रभाव:
- कई स्कूल और कॉलेज पहले ही ऑनलाइन मोड में चले गए हैं, और फिजिकल कक्षाओं को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है।
वायु प्रदूषण के कारण
दिल्ली में वायु प्रदूषण के कई कारक हैं, जो स्थिति को खतरनाक बना रहे हैं:
- पराली जलाने का प्रभाव:
- आसपास के राज्यों, विशेष रूप से पंजाब और हरियाणा में, पराली जलाने से प्रदूषण का स्तर बढ़ा है।
- मौसम की स्थिति:
- हवा की धीमी गति और ठंडे मौसम के कारण प्रदूषक कण वातावरण में अधिक समय तक बने रहते हैं।
- वाहन और औद्योगिक उत्सर्जन:
- दिल्ली में वाहनों और उद्योगों से निकलने वाले प्रदूषक स्थिति को और खराब कर रहे हैं।
- निर्माण कार्य:
- बड़े पैमाने पर निर्माण कार्यों से निकलने वाली धूल भी AQI को प्रभावित कर रही है।
वायु गुणवत्ता की मौजूदा स्थिति
दिल्ली में AQI “खतरनाक” स्तर पर पहुंच चुका है, जो सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है।
- “सीवियर” कैटेगरी: AQI 400 से अधिक।
- इस स्तर पर स्वस्थ व्यक्ति को भी सांस लेने में तकलीफ हो सकती है, और बुजुर्गों, बच्चों, और पहले से बीमार लोगों के लिए स्थिति अधिक जोखिमपूर्ण होती है।
प्रदूषण से बचाव के उपाय
दिल्ली सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि:
- मास्क का उपयोग करें।
- जरूरत के बिना बाहर न निकलें।
- घर के अंदर वायु शुद्धि के लिए एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें।
- पर्यावरण-अनुकूल साधनों का उपयोग करें।
दिल्ली में वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति ने शिक्षा और स्वास्थ्य पर सीधा प्रभाव डाला है। जेएनयू और डीयू द्वारा ऑनलाइन कक्षाओं की घोषणा छात्रों और स्टाफ की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक स्वागत योग्य कदम है। हालांकि, इस समस्या का स्थायी समाधान प्रदूषण के मूल कारणों को नियंत्रित करने में निहित है, जिसमें पराली जलाना, वाहनों का उत्सर्जन और औद्योगिक प्रदूषण शामिल हैं।