“राहुल गांधी की ‘लाल किताब’ पर विवाद: महाराष्ट्र में संविधान के नाम पर गरमाई सियासत, BJP ने उठाए सवाल”
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने नागपुर में ‘संविधान सम्मान सम्मेलन’ में हिस्सा लिया, जहां उन्होंने संविधान की रक्षा, जातिगत जनगणना और ओबीसी आरक्षण जैसे मुद्दों पर बात की। इस कार्यक्रम में एक लाल कवर वाली संविधान की किताब लोगों में वितरित की गई, जिसके पन्ने खाली थे। इस बात को लेकर विवाद शुरू हो गया, और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने राहुल गांधी और कांग्रेस पर निशाना साधा है।
बीजेपी के नेताओं ने राहुल गांधी पर आरोप लगाया कि खाली पन्नों वाली यह किताब संविधान का अपमान है और यह केवल “पाखंड” का प्रतीक है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राहुल गांधी की इस लाल कवर वाली किताब को दिखाने का उद्देश्य क्या है और वे इससे क्या संदेश देना चाहते हैं। उन्होंने राहुल गांधी पर अराजकतावादियों के साथ गठबंधन बनाने का आरोप भी लगाया। बीजेपी प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने कहा कि यह किताब असल संविधान का प्रतिनिधित्व नहीं करती और इसे महज एक चुनावी हथकंडा बताया।
दूसरी ओर, कांग्रेस ने बीजेपी के आरोपों का पलटवार करते हुए इसे झूठा और निराधार बताया। कांग्रेस नेता नाना पटोले ने कहा कि लाल रंग को हिंदू धर्म में शुभ माना जाता है, लेकिन बीजेपी इसे गलत ठहराकर केवल राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा कि बीजेपी और फडणवीस नागपुर में गांधी के कार्यक्रम की लोकप्रियता से घबरा गए हैं। पटोले ने यह भी कहा कि संविधान की प्रति का रंग लाल, पीला या कोई और होना असली मुद्दा नहीं है; असल मुद्दा संविधान की रक्षा और उसमें निहित मूल्यों का पालन करना है।
यहां तक कि इस मुद्दे ने बीजेपी और कांग्रेस के बीच वाकयुद्ध का रूप ले लिया है, और दोनों पार्टियां एक-दूसरे पर तीखे हमले कर रही हैं। बीजेपी ने कहा कि कांग्रेस का असली उद्देश्य संविधान को कमजोर करना है, जबकि कांग्रेस ने कहा कि बीजेपी संविधान को नहीं समझती और केवल उसका राजनीतिक फायदा उठाना चाहती है।
इस विवाद ने महाराष्ट्र की चुनावी सियासत को गरमा दिया है, जिसमें संविधान की किताब का रंग, उसमें लिखे मुद्दे और उसकी प्रतीकात्मकता राजनीतिक बहस का विषय बन गए हैं।