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हिमाचल: प्रदूषण फैलाने पर कार्रवाई न होने पर एसपी बद्दी हाईकोर्ट तलब
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने बद्दी-नालागढ़ क्षेत्र में रत्ता नदी में प्रदूषण फैलाने से जुड़े मामले में दोषियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई न करने पर एसपी बद्दी को तलब किया है। कोर्ट ने एसपी बद्दी के शपथ पत्र पर असंतोष जताते हुए सवाल किया कि दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने में देरी क्यों की गई।
कोर्ट की सख्ती और आदेश
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने स्थानीय अखबार में प्रकाशित रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि रत्ता नदी में काली राख गिराने की पुष्टि के बावजूद तत्काल कार्रवाई क्यों नहीं की गई। कोर्ट ने पुलिस और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को आदेश दिया कि वे इस मामले की गंभीरता से जांच करें और दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाएं।
प्रदूषण फैलाने वाली कंपनी पर कार्रवाई
हाईकोर्ट ने पाया कि मैसर्स क्लैरिज मोल्डेड कंपनी लिमिटेड ने नदी के जलग्रहण क्षेत्र में अवैज्ञानिक तरीके से काली राख गिराई, जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचा। इस पर कोर्ट ने विद्युत बोर्ड को कंपनी की बिजली आपूर्ति काटने के निर्देश दिए। साथ ही, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से रिपोर्ट प्रस्तुत करने और एसपी बद्दी से देरी का कारण स्पष्ट करने को कहा।
प्रदूषण नियंत्रण में प्रशासन की भूमिका पर सवाल
कोर्ट ने यह सवाल उठाया कि जब प्रदूषण के साक्ष्य स्पष्ट थे, तो एसएचओ बद्दी ने औपचारिक शिकायत का इंतजार क्यों किया। कोर्ट ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और संबंधित अधिकारियों को इस मामले में तत्परता दिखाने का निर्देश दिया।
प्रदूषण के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरूरत
यह मामला हिमाचल प्रदेश के बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ (बीबीएन) क्षेत्र में पर्यावरणीय क्षति को लेकर प्रशासनिक लापरवाही की ओर इशारा करता है। हाईकोर्ट का यह कदम प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों पर लगाम लगाने और पर्यावरण संरक्षण के प्रति सख्ती का संकेत है।
इस केस की अगली सुनवाई में प्रशासन से दोषियों पर कार्रवाई और रिपोर्ट पेश करने की अपेक्षा की जा रही है।