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UPPSC Protest: छात्रों के प्रदर्शन पर बोले डिप्टी सीएम, ‘मांगों का शीघ्र समाधान निकालें’
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) द्वारा परीक्षा नॉर्मलाइजेशन और प्रांतीय सिविल सेवा (PCS) ‘प्री’ एवं समीक्षा अधिकारी (RO) और सहायक समीक्षा अधिकारी (ARO) की परीक्षा दो दिनों में कराने के फैसले के खिलाफ छात्रों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। प्रयागराज में छात्रों ने यूपी लोक सेवा आयोग के गेट के बाहर सोमवार सुबह से धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया है। छात्रों का कहना है कि नॉर्मलाइजेशन पद्धति से उनके परिणाम प्रभावित हो रहे हैं, जिससे योग्य उम्मीदवारों को न्याय नहीं मिल पा रहा।
छात्रों का आरोप है कि नॉर्मलाइजेशन के जरिए आयोग द्वारा कई छात्रों के अंक कम किए गए हैं, जो अनुचित है। उनके अनुसार, यह प्रणाली परीक्षार्थियों के प्रयासों के साथ अन्याय कर रही है और उनकी मेहनत को सही ढंग से आंकने में विफल साबित हो रही है। इस निर्णय के विरोध में हजारों छात्र प्रयागराज में धरने पर बैठे हुए हैं और लगातार आयोग से इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
डिप्टी सीएम का बयान और निर्देश
छात्रों के इस आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन को देखते हुए उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे छात्रों की मांगों पर गंभीरता से विचार करें और शीघ्र समाधान निकालें। उप मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि परीक्षा प्रणाली और नॉर्मलाइजेशन से जुड़े सभी मुद्दों का अध्ययन कर, ऐसी व्यवस्था की जाए जो छात्रों के हित में हो और परीक्षा की पारदर्शिता बनी रहे।
छात्रों की मुख्य मांगें
- नॉर्मलाइजेशन प्रणाली का विरोध: छात्रों की मांग है कि नॉर्मलाइजेशन पद्धति को समाप्त किया जाए, जिससे उनके अंकों में अनावश्यक छेड़छाड़ न हो।
- परीक्षा का एक ही दिन में आयोजन: RO, ARO और PCS प्रीलिम्स परीक्षा को दो दिन की बजाय एक दिन में कराने की मांग की जा रही है, ताकि परीक्षा का स्तर समान बना रहे।
- पारदर्शिता की मांग: छात्रों ने परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने और पेपर लीक की घटनाओं को रोकने की मांग भी की है।
विरोध की प्रमुख वजहें
प्रयागराज में धरने पर बैठे छात्र कहते हैं कि नॉर्मलाइजेशन की वजह से कई बार योग्य छात्रों को कम अंक मिलते हैं, जिससे वे परीक्षा में सफल नहीं हो पाते। उनका मानना है कि यह प्रणाली उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है, जिससे परीक्षा का उद्देश्य ही विफल हो रहा है।
छात्रों ने UPPSC के इस निर्णय को जल्द से जल्द वापस लेने की अपील की है। वहीं, उप मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद छात्रों को आशा है कि उनकी मांगों को गंभीरता से सुना जाएगा और उचित कार्रवाई की जाएगी।