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योगी सरकार का नया फैसला: यूपी में डीजीपी चयन के नियमों में बदलाव, केंद्र का रोल समाप्त
योगी आदित्यनाथ की सरकार ने उत्तर प्रदेश में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के चयन प्रक्रिया में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। अब यूपी में डीजीपी की नियुक्ति के लिए केंद्र सरकार को किसी प्रकार का पैनल नहीं भेजा जाएगा, बल्कि राज्य के अंदर ही एक चयन समिति द्वारा नए डीजीपी का नाम तय किया जाएगा। इस नई चयन प्रक्रिया में एक हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में बनी समिति डीजीपी के नाम का चयन करेगी। इस प्रस्ताव को हाल ही में योगी कैबिनेट ने मंजूरी दी है।
यह बदलाव केंद्र और राज्य सरकार के बीच डीजीपी की नियुक्ति को लेकर चल रहे विवादों के समाधान के रूप में देखा जा रहा है। पिछली नियुक्तियों में, जैसे 2021 में मुकुल गोयल की नियुक्ति, यूपी सरकार और केंद्र के बीच असहमति सामने आई थी। 1987 बैच के आईपीएस मुकुल गोयल को जुलाई 2021 में डीजीपी बनाया गया था, परंतु 11 मई 2022 को उन्हें “शिथिल पर्यवेक्षण” के कारण इस पद से हटा दिया गया था और डीजी डिफेंस के पद पर स्थानांतरित कर दिया गया। यूपी सरकार ने उस समय यूपीएससी को बताया कि वरिष्ठता के साथ-साथ क्षमता का भी ध्यान रखा जाना आवश्यक है, और इस आधार पर मुकुल गोयल डीजीपी पद के लिए उपयुक्त नहीं थे।
इस नई प्रक्रिया से राज्य सरकार अब स्वतंत्र रूप से डीजीपी की नियुक्ति कर सकेगी और इसे केंद्र के हस्तक्षेप के बिना किया जाएगा।