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December 13, 2024
तिरुपति मंदिर में नई दर्शन व्यवस्था: 2 घंटे में दर्शन, VIP कोटा खत्म
आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए नई और सुगम दर्शन व्यवस्था लागू की जा रही है। तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) बोर्ड ने यह निर्णय श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या और दर्शन में लगने वाले लंबे समय को ध्यान में रखते हुए लिया है। अब नई व्यवस्था के तहत भक्तों को मात्र 2 घंटे में भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन कराए जाएंगे।
नई दर्शन व्यवस्था के मुख्य बिंदु:
- दर्शन में लगने वाला समय घटा:
- अब तक भक्तों को मंदिर में दर्शन के लिए 20-30 घंटे तक इंतजार करना पड़ता था।
- नई व्यवस्था में दर्शन का समय घटाकर 2 घंटे कर दिया गया है।
- आधुनिक तकनीक का उपयोग:
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाएगा।
- यह तकनीक श्रद्धालुओं की संख्या और दर्शन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करेगी।
- VIP दर्शन कोटा खत्म:
- स्पेशल एंट्री और वीआईपी दर्शन का कोटा पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है।
- यह निर्णय वीआईपी दर्शन से जुड़े विवादों और आम श्रद्धालुओं के साथ हो रहे भेदभाव को खत्म करने के लिए लिया गया।
- स्थानीय नागरिकों के लिए विशेष व्यवस्था:
- हर महीने के पहले मंगलवार को तिरुपति के स्थानीय नागरिकों के लिए विशेष दर्शन व्यवस्था होगी।
- मंदिर परिसर में राजनीति पर रोक:
- मंदिर परिसर में किसी भी नेता द्वारा राजनीतिक बयान देने पर प्रतिबंध रहेगा।
- ऐसा करने वालों को देवस्थानम बोर्ड की ओर से कानूनी नोटिस जारी किया जाएगा।
लड्डू प्रसादम विवाद:
तिरुपति मंदिर में चढ़ाए जाने वाले प्रसिद्ध लड्डू प्रसादम को लेकर हाल ही में विवाद खड़ा हुआ था।
- घी में मिलावट का आरोप:
- जुलाई 2024 में प्रसाद में प्रयोग होने वाले घी के नमूने लिए गए थे।
- जांच रिपोर्ट में घी में ‘पशु चर्बी’, ‘लार्ड’ (सूअर की चर्बी) और मछली के तेल की मौजूदगी का दावा किया गया था।
- राजनीतिक बहस:
- इस मुद्दे पर टीडीपी ने वाईएसआरसीपी सरकार पर श्रद्धालुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया।
- मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने इसे पिछली सरकार का ‘महापाप’ बताया।
- वाईएसआरसीपी ने पलटवार करते हुए इसे राजनीतिक लाभ लेने का घृणित आरोप कहा।
- प्रसाद व्यवस्था में सुधार:
- विवाद के बाद टीटीडी ने प्रसाद की गुणवत्ता और निर्माण प्रक्रिया को सुधारने के कदम उठाए।
श्रद्धालुओं के लिए लाभ:
- दर्शन प्रक्रिया आसान:
- दर्शन के लिए लंबी लाइन में लगने की समस्या खत्म होगी।
- सभी के लिए समानता:
- वीआईपी कोटा खत्म होने से दर्शन प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी।
- स्थानीय लोगों को प्राथमिकता:
- तिरुपति के स्थानीय निवासियों को दर्शन का विशेष अवसर मिलेगा।
टीटीडी का उद्देश्य:
तिरुपति बालाजी मंदिर में आने वाले हर श्रद्धालु को सुगम, सुविधाजनक और समान दर्शन प्रक्रिया प्रदान करना। इस कदम से मंदिर प्रबंधन और प्रशासन की छवि को और अधिक मजबूती मिलेगी।
टीटीडी द्वारा लिए गए ये निर्णय श्रद्धालुओं की सुविधा और मंदिर की गरिमा बनाए रखने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। नई व्यवस्था से जहां दर्शन में लगने वाला समय कम होगा, वहीं मंदिर में किसी भी प्रकार की राजनीति और भेदभाव पर रोक लगाई जा सकेगी।