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हिमाचल विधानसभा: सीएम सुक्खू ने पेखुबेला सोलर प्रोजेक्ट पर लगाए आरोपों का दिया जवाब
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने विधानसभा सत्र के दौरान ऊना जिले के पेखुबेला में स्थापित सोलर प्रोजेक्ट की तुलना गुजरात के सोलर प्रोजेक्ट्स से की। उन्होंने स्पष्ट किया कि पेखुबेला सोलर प्रोजेक्ट की लागत गुजरात के प्रोजेक्ट्स की तुलना में कम है। यह मुद्दा भाजपा विधायक बिक्रम सिंह द्वारा सदन में लगाए गए आरोपों के बाद चर्चा में आया।
मुख्यमंत्री का बयान: सोलर इनसोलेशन की भूमिका
सीएम सुक्खू ने सदन में कहा:
- सोलर इनसोलेशन का प्रभाव:
- हिमाचल प्रदेश में राजस्थान और गुजरात की तुलना में वैश्विक क्षैतिज विकिरण (Global Horizontal Irradiation) लगभग 25% कम है।
- इसका सीधा असर सौर ऊर्जा उत्पादन पर पड़ता है।
- हिमाचल में प्रति मेगावाट सोलर ऊर्जा उत्पादन लगभग 15 लाख यूनिट प्रति वर्ष होता है, जबकि गुजरात और राजस्थान में यह 18-20 लाख यूनिट प्रति वर्ष तक पहुंचता है।
- यूनिट बिजली लागत:
- किसी भी सोलर प्रोजेक्ट का आकलन उसकी प्रति यूनिट बिजली उत्पादन लागत के आधार पर किया जाना चाहिए।
- पेखुबेला सोलर प्रोजेक्ट इस लिहाज से गुजरात के प्रोजेक्ट्स के मुकाबले बेहतर और अधिक किफायती है।
- प्रोजेक्ट का निर्माण:
- पेखुबेला प्रोजेक्ट का निर्माण केवल छह महीने में पूरा हुआ।
- सरकार ने इसे ऊना को “ऊर्जा जिला” के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री का बयान
डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा:
- ऊना को ऊर्जा उत्पादन का केंद्र बनाने के लिए सरकार और प्रोजेक्ट्स लाएगी।
- आलोचनाओं की परवाह किए बिना सरकार ने पेखुबेला प्रोजेक्ट को समय पर पूरा किया।
- भाजपा पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा, “रणधीर (भाजपा विधायक) अच्छे वक्ता हैं, लेकिन बुधवार को सदन में उनकी दुर्दशा साफ दिखी।”
भाजपा विधायक बिक्रम सिंह का आरोप
वहीं, भाजपा विधायक बिक्रम सिंह ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए:
- ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के लिए नियमों में बदलाव किया गया।
- निर्माण कार्य में अनियमितता हुई है।
- प्रोजेक्ट में सांठगांठ और लेनदेन की जांच की मांग की।
उन्होंने कहा कि पेखुबेला प्रोजेक्ट में पारदर्शिता की कमी है और इसके पीछे गहरी गड़बड़ी हो सकती है।
जंगली मुर्गे के मामले पर चर्चा
विधानसभा में जंगली मुर्गे के मामले पर भी सवाल उठे, जब भाजपा विधायक बलवीर वर्मा ने कुपवी क्षेत्र में स्थानीय लोगों द्वारा दर्ज की गई एफआईआर का जिक्र किया।
- मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है।
- उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि एफआईआर सरकार की ओर से नहीं करवाई गई है।
- सीएम ने कहा, “मैं एफआईआर दर्ज कराने वालों से बात करूंगा, और आप (विधायक) भी उनसे बात करें। जरूरत पड़ने पर एफआईआर वापस ली जाएगी।”
मुख्य बिंदु
- पेखुबेला सोलर प्रोजेक्ट की तुलना गुजरात के सोलर प्रोजेक्ट्स से की गई।
- हिमाचल में सोलर इनसोलेशन कम होने के बावजूद यह प्रोजेक्ट किफायती साबित हुआ।
- भाजपा और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।
- जंगली मुर्गे के मामले में स्थानीय शिकायतकर्ताओं के साथ बातचीत की जाएगी।
सत्र के दौरान पेखुबेला सोलर प्रोजेक्ट और जंगली मुर्गे के मामले ने विधानसभा में तीखी बहस छेड़ी। सीएम सुक्खू और डिप्टी सीएम अग्निहोत्री ने प्रोजेक्ट की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए भाजपा के आरोपों को खारिज किया, जबकि विपक्ष ने प्रोजेक्ट में पारदर्शिता की कमी पर सवाल उठाए। इन चर्चाओं से साफ है कि सरकार और विपक्ष के बीच आगामी दिनों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी रहेगा।