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50 लाख अस्थायी वर्क परमिट खत्म, कनाडा में भारतीय छात्रों और कामगारों के लिए बढ़ी मुश्किलें
कनाडा में 2025 के अंत तक लगभग 50 लाख अस्थायी वर्क परमिट समाप्त होने वाले हैं, जिनमें सात लाख भारतीय शामिल हैं, जिनमें से अधिकतर पंजाबी हैं। यदि इनका वर्क परमिट नवीनीकरण नहीं हुआ, तो उन्हें देश छोड़ना होगा। कनाडा सरकार की सख्त इमिग्रेशन नीतियां और विदेशी छात्रों के प्रति बदलते रुख ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है।
मुख्य बिंदु:
- वर्क परमिट का महत्व: अस्थायी वर्क परमिट 9 महीने से 3 साल तक के लिए जारी किए जाते हैं, जो छात्रों को कनाडा में स्थायी निवास के लिए आवश्यक अनुभव प्रदान करते हैं।
- विदेशी छात्रों पर असर: कनाडा में 10 लाख से अधिक विदेशी छात्र हैं, जिनमें से 3,96,235 छात्रों के पास 2023 के अंत तक पोस्ट-ग्रेजुएशन वर्क परमिट थे।
- तीन विकल्प: इमिग्रेशन विशेषज्ञों के अनुसार, इन लोगों के पास या तो देश छोड़ने, वर्क परमिट बढ़ाने, या अवैध रूप से रहने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
- पंजाबी छात्रों का प्रदर्शन: ब्रैम्पटन में अगस्त से छात्र सरकार की नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।
कनाडा की बदलती नीतियां भारतीय छात्रों और कामगारों के लिए एक बड़ी चुनौती बनती जा रही हैं, जिससे उनके सपनों पर संकट मंडरा रहा है।