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ऊना के निजी अस्पताल में ऑपरेशन के दौरान महिला की मौत: सरकारी डॉक्टर और प्रबंधन पर लापरवाही के आरोप
हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में एक निजी अस्पताल में ऑपरेशन के दौरान पंजाब निवासी जसविंद्र कौर की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन और सरकारी डॉक्टर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। घटना के बाद अस्पताल परिसर में तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो गई, और पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा।
मामले का विवरण
महिला के पति मोहिंदर सिंह ने बताया कि उनकी पत्नी जसविंद्र कौर को पेट में रसोली (गांठ) की शिकायत थी। सोमवार को वह पत्नी को ऊना के क्षेत्रीय अस्पताल लेकर आए, जहां स्त्री रोग विशेषज्ञ ने उन्हें अगले दिन ऑपरेशन कराने की सलाह दी। डॉक्टर ने परिवार को अपने मोबाइल नंबर पर संपर्क करने को कहा और मंगलवार सुबह अस्पताल में आने का समय दिया।
मंगलवार सुबह, डॉक्टर ने महिला को ऑपरेशन के लिए ऊना के रक्कड़ कॉलोनी स्थित एक निजी अस्पताल भेजा। शाम 4 बजे, सरकारी अस्पताल में तैनात वही डॉक्टर निजी अस्पताल में पहुंचीं और ऑपरेशन शुरू किया। ऑपरेशन के कुछ देर बाद अस्पताल में भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई। जब परिजनों ने हालचाल जानने की कोशिश की, तो स्टाफ ने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया।
परिजनों का आरोप
महिला के पति और बेटियों का कहना है कि जसविंद्र कौर स्वस्थ हालत में अस्पताल आई थीं। लेकिन डॉक्टर और अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के कारण ऑपरेशन के बाद उनकी मौत हो गई। उन्होंने आरोप लगाया कि डॉक्टर ने अपनी सरकारी सेवाओं के साथ-साथ निजी अस्पताल में ऑपरेशन किया, जो नियमों का उल्लंघन है।
महिला के पति ने यह भी बताया कि ऑपरेशन के बाद स्टाफ ने उन्हें मृतका से मिलने नहीं दिया। पुलिस के आने पर मृतका का शव वेंटिलेटर पर पाया गया, लेकिन परिजनों का दावा है कि यह केवल एक दिखावा था।
निजी अस्पताल का बयान
निजी अस्पताल के निदेशक ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ऑपरेशन सफल था, लेकिन अधिक रक्तस्राव और बीपी बढ़ने के कारण महिला की मौत हुई। निदेशक ने ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर का नाम बताने से इनकार कर दिया।
पुलिस की कार्रवाई
मृतका के परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने सरकारी डॉक्टर और निजी अस्पताल के प्रबंधन के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। शव को पोस्टमार्टम के लिए टांडा मेडिकल कॉलेज भेजा गया है ताकि मौत के असल कारणों का पता चल सके।
आंदोलन की चेतावनी
मृतका के परिजनों ने चेतावनी दी है कि यदि दोषियों पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो वे आंदोलन करेंगे। फिलहाल, पुलिस मामले की जांच कर रही है और डॉक्टर की भूमिका की गहनता से पड़ताल कर रही है।
मामले की गंभीरता
यह घटना न केवल चिकित्सा लापरवाही के सवाल उठाती है, बल्कि सरकारी डॉक्टरों द्वारा निजी अस्पतालों में सेवाएं देने की प्रथा को भी उजागर करती है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और पुलिस जांच के नतीजे इस मामले को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।