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Latest Update Himachal Pradesh:”मुख्यमंत्री सुक्खू का बयान: कड़े फैसले लेकर हिमाचल की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने का लिया संकल्प”

“मुख्यमंत्री सुक्खू का बयान: कड़े फैसले लेकर हिमाचल की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने का लिया संकल्प”

"मुख्यमंत्री सुक्खू का बयान: कड़े फैसले लेकर हिमाचल की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने का लिया संकल्प"

धर्मशाला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि अगर राज्य की अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए और कड़े फैसले लेने की जरूरत पड़ी, तो वह पीछे नहीं हटेंगे। एक विशेष बातचीत में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार में राज्य की आय का दुरुपयोग नहीं होने दिया जाएगा और न ही अपात्र लोगों को लाभ पहुंचाया जाएगा।

सुक्खू ने कहा कि उनका लक्ष्य सत्ता में बने रहना नहीं, बल्कि हिमाचल को खुशहाल बनाना है। उन्होंने बताया कि उनके कार्यकाल के 21 महीनों में कोई ऐसा निर्णय नहीं लिया गया, जिससे प्रदेश के आर्थिक संसाधनों का दुरुपयोग हुआ हो। उन्होंने यह भी बताया कि जब उन्होंने 11 दिसंबर, 2022 को सत्ता संभाली, तब राज्य के खजाने में एक महीने का खर्च चलाने के लिए धन भी नहीं था। पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की सरकार ने लगभग 80,000 करोड़ रुपये का कर्ज और छठे वेतन आयोग की 10,000 करोड़ रुपये की देनदारियां राज्य पर छोड़ दी थीं।

मुख्यमंत्री ने अपने कार्यकाल की चुनौतियों का जिक्र करते हुए कहा कि वह कई रातें तनाव के कारण सो नहीं पाए, यह सोचते हुए कि राज्य की अर्थव्यवस्था को कैसे पटरी पर लाया जाए। उन्होंने एक महीने तक सरकार नहीं बनाई और दिन-रात अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में जुटे रहे। सुक्खू ने खुशी जताई कि उन्होंने वित्तीय स्थिति में सुधार किया है और अर्थव्यवस्था को मजबूती से आगे बढ़ा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंच स्थापित करना उनके काम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि उनका सरकार में आने का उद्देश्य नीतिगत बदलाव करना है, न कि सत्ता सुख का आनंद लेना। उन्होंने पूर्व भाजपा सरकार की गलत नीतियों के लिए आलोचना करते हुए कहा कि उन नीतियों ने राज्य की अर्थव्यवस्था को गंभीर रूप से प्रभावित किया था।

सुक्खू ने यह भी उल्लेख किया कि उन्होंने कर्ज को सकल घरेलू उत्पाद के 42.5 प्रतिशत तक पहुंचा दिया है, और कहा कि अगर लोगों को खेती और स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया जाए, तो यह सरकार पर निर्भरता को कम करेगा और संपूर्ण विकास में मदद करेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह राज्य को 2027 तक आत्मनिर्भर बनाने और 2032 तक हिमाचल को देश का सबसे अमीर राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके लिए, उन्होंने कड़े निर्णय लेने की आवश्यकता पर जोर दिया और आश्वासन दिया कि वह राजकोषीय घाटा कम करने और प्रदेश की अर्थव्यवस्था को लाभ में लाने के लिए कोई भी कड़ा कदम उठाने में संकोच नहीं करेंगे।

 

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