Breaking News

Latest Update News: जिम कॉर्बेट पार्क में कैमरा ट्रैप से निजता का हनन: विवाद और जांच

जिम कॉर्बेट पार्क में कैमरा ट्रैप से निजता का हनन: विवाद और जांच

जिम कॉर्बेट पार्क में कैमरा ट्रैप से निजता का हनन: विवाद और जांच

जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व, जो बाघों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए विश्व प्रसिद्ध है, अब एक नई समस्या का सामना कर रहा है। पार्क में बाघों और वन्यजीवों की निगरानी के लिए लगाए गए कैमरा ट्रैप और सीसीटीवी कैमरों को लेकर महिलाओं की निजता भंग होने के आरोप सामने आए हैं।

कैमरा ट्रैप विवाद की शुरुआत

  • कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के रिसर्चर त्रिशांत सिमलई द्वारा किए गए एक अध्ययन में दावा किया गया है कि पार्क के कैमरा ट्रैप और निगरानी तकनीकों से आसपास की महिलाओं की निजता का हनन हो रहा है।
  • उनकी रिपोर्ट में बताया गया कि जंगल में इन कैमरों की मौजूदगी के कारण महिलाएं सहजता से संवाद नहीं कर पा रहीं।
  • एक घटना में आरोप लगाया गया कि कैमरा ट्रैप से ली गई एक युवती की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी, हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है।

वन विभाग का पक्ष

  • वन विभाग ने इन आरोपों पर सवाल उठाए और कहा कि कैमरा ट्रैप उन इलाकों में लगाए गए हैं, जहां आम लोगों का आना प्रतिबंधित है।
  • चीफ वाइल्डलाइफ वार्डन रंजन कुमार मिश्रा ने कहा कि महिलाओं की निजता का सम्मान प्राथमिकता है, और मामले की जांच के लिए कॉर्बेट निदेशक डॉ. साकेत बडोला को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
  • विभाग ने यह भी बताया कि रिसर्चर को अपनी रिपोर्ट वन विभाग के साथ साझा करनी थी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।

ग्रामीणों और रिपोर्ट का दावा

  • शोधकर्ता का दावा है कि 14 महीनों तक 270 लोगों (महिलाओं सहित) से बातचीत की गई।
  • ग्रामीणों ने कथित तौर पर कैमरा ट्रैप जलाकर विरोध किया, जब एक युवती की शौच करते हुए तस्वीर कैमरे में कैद होने की खबर फैली।
  • हालांकि, इन दावों की कोई शिकायत पुलिस या अन्य एजेंसियों के पास दर्ज नहीं की गई।

क्या कहता है अध्ययन?

  • शोध के मुताबिक, 2019-2021 के दौरान जंगलों में लगे कैमरों और अन्य तकनीकों ने महिलाओं को असुरक्षित महसूस कराया।
  • रिपोर्ट में आरोप लगाया गया कि महिलाओं को जंगल में जाने से रोकने के लिए डराया गया।
  • इन दावों को एक अंतरराष्ट्रीय जर्नल में भी प्रकाशित किया गया है, जिससे विवाद को और बल मिला।

जांच की दिशा और अगला कदम

  • वन विभाग अब इस बात की जांच कर रहा है कि कैमरा ट्रैप का दुरुपयोग हुआ या नहीं।
  • सवाल उठाए गए हैं कि अगर कैमरे प्रतिबंधित इलाकों में लगे थे, तो महिलाएं वहां कैसे पहुंचीं।
  • शोधकर्ता से संपर्क कर रिपोर्ट और तथ्यों की जानकारी मांगी जा रही है।

महिलाओं की निजता बनाम वन्यजीव संरक्षण

यह मामला वन्यजीव संरक्षण और मानवाधिकारों के बीच संतुलन स्थापित करने की चुनौती को उजागर करता है।

  • कैमरा ट्रैप वन्यजीवों की निगरानी और संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण हैं, लेकिन इनका दुरुपयोग गंभीर चिंता का विषय है।
  • यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसी तकनीकों से स्थानीय लोगों की निजता और गरिमा प्रभावित न हो।

इस विवाद ने जिम कॉर्बेट पार्क में निगरानी तकनीकों की पारदर्शिता और उनकी तैनाती पर सवाल खड़े किए हैं। जांच के नतीजे न केवल इस मामले को हल करेंगे, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेंगे कि भविष्य में वन्यजीव संरक्षण के लिए इस्तेमाल की जाने वाली तकनीकों से किसी की निजता प्रभावित न हो।

wedsite add

About Special Correspondent

Check Also

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का फर्जी फेसबुक अकाउंट बना साइबर स्कैम की कोशिश, हजारीबाग में मामला उजागर

Latest Update Online :राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का फर्जी फेसबुक अकाउंट बना साइबर स्कैम की कोशिश, हजारीबाग में मामला उजागर

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का फर्जी फेसबुक अकाउंट बना साइबर स्कैम की कोशिश, हजारीबाग में मामला …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *