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कैलाश गहलोत का बीजेपी में शामिल होना: राजनीतिक हलचल का बड़ा घटनाक्रम
आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री रहे कैलाश गहलोत ने 18 नवंबर 2024 को भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सदस्यता ग्रहण कर ली। बीजेपी के दिल्ली मुख्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने पार्टी का दामन थामा। इस अवसर पर बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं मनोहर लाल खट्टर, दुष्यंत गौतम, और हर्ष मल्होत्रा मौजूद थे।
गहलोत का इस्तीफा और पत्र:
- कैलाश गहलोत ने बीजेपी में शामिल होने से पहले आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को एक पत्र लिखा था।
- पत्र में उन्होंने कहा कि यह फैसला लेना उनके लिए आसान नहीं था और उन्होंने पार्टी छोड़ने का निर्णय लंबे विचार-विमर्श के बाद लिया।
- उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) और सीबीआई के दबाव में आकर उन्होंने पार्टी नहीं छोड़ी है।
बीजेपी में शामिल होने का कारण:
कैलाश गहलोत ने बीजेपी में शामिल होने के बाद कहा:
- निरंतर विचार-विमर्श:
- आम आदमी पार्टी को छोड़ने का निर्णय अचानक नहीं लिया गया। यह फैसला कई महीनों के गहन सोच-विचार और आत्मनिरीक्षण के बाद लिया गया।
- भ्रष्टाचार के मुद्दे:
- उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी ने जिन मूल्यों और सिद्धांतों के साथ शुरुआत की थी, वे अब कहीं पीछे छूट चुके हैं।
- पार्टी की कार्यशैली में पारदर्शिता और ईमानदारी की कमी उनके लिए चिंता का विषय रही।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रेरणा:
- उन्होंने बीजेपी के नीतियों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा की।
- उन्होंने कहा कि बीजेपी की विकासवादी और राष्ट्रवादी सोच ने उन्हें पार्टी से जुड़ने के लिए प्रेरित किया।
बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं की प्रतिक्रिया:
बीजेपी नेता दुष्यंत गौतम ने गहलोत का पार्टी में स्वागत करते हुए कहा कि उनका अनुभव और नेतृत्व पार्टी के लिए महत्वपूर्ण होगा।
मनोहर लाल खट्टर ने गहलोत के निर्णय की सराहना करते हुए कहा कि यह आम आदमी पार्टी के अंदर चल रही गहरी समस्याओं का संकेत है।
गहलोत का राजनीतिक सफर:
- कैलाश गहलोत ने आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक के रूप में दिल्ली की राजनीति में अपनी पहचान बनाई।
- वे दिल्ली सरकार में कई महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री रह चुके हैं।
- उनके कार्यकाल के दौरान उन्होंने शिक्षा, परिवहन और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में कई अहम फैसले लिए।
आम आदमी पार्टी पर प्रभाव:
- पार्टी की छवि पर असर:
- गहलोत का पार्टी छोड़ना AAP के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि वे पार्टी के प्रमुख चेहरों में से एक थे।
- यह घटना पार्टी के अंदर असंतोष और नेतृत्व की कमजोरियों को उजागर करती है।
- राजनीतिक बहस:
- बीजेपी में शामिल होने को लेकर राजनीतिक हलकों में बहस छिड़ गई है।
- विपक्षी दल इसे ईडी और सीबीआई के दबाव से जोड़ रहे हैं, जबकि गहलोत ने इसे खारिज किया है।
विपक्ष की प्रतिक्रिया:
- आम आदमी पार्टी ने गहलोत के इस कदम की आलोचना की है और इसे राजनीतिक अवसरवाद करार दिया है।
- पार्टी ने दावा किया कि गहलोत ने व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं के कारण पार्टी छोड़ दी।
कैलाश गहलोत का बीजेपी में शामिल होना न केवल दिल्ली की राजनीति को प्रभावित करेगा, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी इसके राजनीतिक संदेश देखे जाएंगे। यह घटना एक ओर बीजेपी की मजबूती को दर्शाती है, तो दूसरी ओर आम आदमी पार्टी के लिए आत्ममंथन का विषय है।