SEBI का अहम अपडेट: Demat Account से जुड़े नियमों में बदलाव, 11 नवंबर से होगा लागू
भारतीय शेयर बाजार में डीमैट अकाउंट से जुड़े नियमों में बदलाव के संबंध में एक महत्वपूर्ण अपडेट सामने आया है। मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने गुरुवार को घोषणा की कि क्लाइंट के डीमैट अकाउंट में सिक्योरिटीज के डायरेक्ट पेआउट से संबंधित गाइडलाइन की डेडलाइन को 14 अक्टूबर से बढ़ाकर अब 11 नवंबर कर दिया गया है।
सेबी ने यह नियम 5 जून को जारी किए गए एक सर्कुलर के माध्यम से पेश किया था, जिसका उद्देश्य क्लियरिंग कॉरपोरेशन (CCs) के जरिए ऑपरेशनल एफिशिएंसी में सुधार और जोखिम को कम करना है।
डीमैट अकाउंट क्या है?
डीमैट अकाउंट (Demat Account), जिसे डिमेटेरियलाइजेशन अकाउंट के नाम से भी जाना जाता है, एक विशेष प्रकार का खाता है जिसका उपयोग शेयर और अन्य वित्तीय उपकरणों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखने के लिए किया जाता है। यह अकाउंट निवेशकों को अपने शेयरों, बांड्स, म्यूचुअल फंड्स, और अन्य प्रतिभूतियों को कागज़ी स्वरूप से मुक्त रखने की सुविधा देता है।
नए सिस्टम की विशेषताएँ:
- सिक्योरिटीज का डायरेक्ट पेआउट:
नए नियमों के तहत, अब सिक्योरिटीज का पेआउट सीधे निवेशकों के डीमैट अकाउंट में क्रेडिट होगा। पहले यह प्रक्रिया ब्रोकर के पूल अकाउंट के माध्यम से होती थी, जिससे कुछ समस्याएँ उत्पन्न हो सकती थीं। - पेआउट का समय:
सिक्योरिटीज के पेआउट का समय भी बदल गया है। यह समय पहले दोपहर 1:30 बजे से बढ़ाकर अब 3:30 बजे कर दिया गया है, ताकि ग्राहक के अकाउंट में उसी दिन सिक्योरिटीज जमा हो सकें, बजाय अगले दिन के। - बदलाव की प्रक्रिया:
सेबी ने ब्रोकर्स फोरम से सलाह लेने के बाद और बाजार में बिना किसी व्यवधान के बदलाव सुनिश्चित करने के लिए यह डेडलाइन बढ़ाई है।
यह बदलाव भारतीय निवेशकों के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है, क्योंकि यह उन्हें अधिक सुरक्षा और सुविधा प्रदान करेगा। नए सिस्टम के लागू होने के बाद, निवेशक अपने सिक्योरिटीज को तेजी से और बिना किसी कठिनाई के अपने डीमैट अकाउंट में देख सकेंगे।