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बिजनौर: डेढ़ क्विंटल के अजगर के जोड़े को JCB की मदद से किया गया रेस्क्यू
उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के नवादा गांव में एक रोमांचक घटना घटी जब ग्रामीणों ने 15 फीट लंबे और डेढ़ क्विंटल वजनी अजगर के जोड़े को खेत में देखा। यह जोड़ा खेत में सुरंग बनाकर रह रहा था और धूप सेंकने के लिए बाहर आया करता था। अजगरों को देखकर ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। किसान और ग्राम प्रधान ने तुरंत इसकी सूचना वन विभाग को दी, जिसके बाद एक बड़ा रेस्क्यू अभियान चलाया गया।
घटना का विवरण
मामला: बिजनौर के नवादा गांव का
तारीख: 19 दिसंबर 2024
प्रमुख तथ्य:
- अजगर का जोड़ा 15 फीट लंबा और वजन लगभग डेढ़ क्विंटल था।
- दोनों अजगर खेत में गहरी सुरंग बनाकर रह रहे थे।
- अजगरों को धूप सेंकते हुए देखा गया, जिससे गांव वालों को डर लगा।
ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग की टीम तुरंत मौके पर पहुंची। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, अजगर को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए JCB मशीन बुलानी पड़ी।
रेस्क्यू अभियान
रेस्क्यू की प्रक्रिया:
- गड्ढा खोदना:
- JCB की मदद से खेत में गड्ढा खुदवाया गया ताकि अजगरों को उनकी सुरंग से बाहर निकाला जा सके।
- सुरंग गहरी और जटिल थी, जिससे अभियान में कठिनाई हुई।
- मशक्कत का समय:
- अभियान लगभग दो घंटे तक चला।
- वन विभाग की टीम ने अत्यधिक सावधानी बरती ताकि अजगर को किसी प्रकार की चोट न पहुंचे।
- सुरक्षित रेस्क्यू:
- दोनों अजगर (नर और मादा) को सुरक्षित रूप से बाहर निकाला गया।
- उन्हें तुरंत एक सुरक्षित जगह पर ले जाया गया।
वन विभाग का बयान:
वन विभाग के अधिकारी महेश गौतम ने बताया:
- ग्राम प्रधान द्वारा सूचना मिलने के बाद टीम मौके पर पहुंची।
- अजगरों को सुरक्षित रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ दिया गया है।
- यह घटना अजगरों के प्राकृतिक आवास में हस्तक्षेप के कारण हुई हो सकती है।
ग्रामीणों की प्रतिक्रिया
इस घटना ने नवादा गांव के लोगों को रोमांच और भय का अनुभव कराया।
- ग्रामीणों ने वन विभाग की त्वरित कार्रवाई की सराहना की।
- अजगरों के वजन और लंबाई ने सभी को चौंका दिया।
- ग्राम प्रधान ने कहा कि अगर समय पर रेस्क्यू नहीं किया जाता, तो यह किसी बड़े खतरे का कारण बन सकता था।
अजगर और उनका व्यवहार
अजगरों का रहन-सहन:
- अजगर (Python) आमतौर पर शांत स्वभाव के होते हैं और जंगलों या खेतों में सुरंग बनाकर रहते हैं।
- ये सर्दियों के समय धूप सेंकने के लिए बाहर आते हैं।
- इंसानों पर हमला करना इनका स्वाभाविक व्यवहार नहीं है।
वन्यजीव संरक्षण का महत्व:
- इस घटना से यह स्पष्ट है कि इंसानों और वन्यजीवों के बीच संतुलन बनाए रखना आवश्यक है।
- वन विभाग का काम ऐसे मामलों में बेहद महत्वपूर्ण है।
बिजनौर के नवादा गांव की इस घटना ने वन्यजीव संरक्षण के महत्व और वन विभाग की भूमिका को उजागर किया। डेढ़ क्विंटल वजनी अजगरों को JCB की मदद से सफलतापूर्वक रेस्क्यू करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य था, जिसे वन विभाग ने बखूबी अंजाम दिया।
यह घटना इंसान और प्रकृति के सह-अस्तित्व की आवश्यकता पर जोर देती है। ग्रामीणों के जागरूकता भरे कदम और वन विभाग की तत्परता ने सुनिश्चित किया कि अजगरों को बिना किसी नुकसान के उनके प्राकृतिक आवास में वापस छोड़ दिया जाए।