603 इमारतों में आईं दरारें:70 परिवारों को हटाया,आज जाएंगे एक्सपर्ट
नेशनल डेस्क – उत्तराखंड के जोशीमठ को सरकार ने आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित कर दिया है। जोशीमठ और आसपास के इलाकों में कंस्ट्रक्शन पर रोक लगा दी है। PMO ने रविवार को जोशीमठ को लेकर एक हाईलेवल मीटिंग की थी । केंद्र ने तुरंत लोगों को शिफ्ट करने का एक्शन प्लान तैयार किया।बता दें कि केंद्र सरकार की 2 एक्सपर्ट टीमें आज जोशीमठ जाएंगी और हालात का जायजा लेंगी। इनमें जलशक्ति मंत्रालय की टीम भी शामिल है।
डर के चलते लोग घरों से बाहर रहने को मजबूर
जोशीमठ में अबतक यहां 603 घरों में दरारें आ चुकी हैं। ज्यादातर लोग डर के चलते घर के बाहर ही रह रहे हैं। किराएदार भी लैंड स्लाइड के डर से घर छोड़कर चले गए हैं। अभी तक 70 परिवारों को वहां से हटाया गया है। बाकियों को हटाने का काम जारी है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे रिलीफ कैंप में चले जाएं।
जोशीमठ से जुड़े बड़े अपडेट्स…
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- सुप्रीम कोर्ट ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की याचिका को मंगलवार के दिन लिस्टिंग करने कहा है
- स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद 22 जनवरी से एक यज्ञ भी करेंगे
- दिल्ली हाईकोर्ट में जोशीमठ से जुड़ी याचिका पहुंची, लेकिन बेंच ने कहा- पहले सुप्रीम कोर्ट में लगी याचिका का स्टेटस पता करें।
- चमोली DM हिमांशु खुराना ने जोशीमठ क्षेत्र को आपदा संभावित क्षेत्र घोषित कर दिया है।
- जोशीमठ के प्रभावित परिवारों को राशन किट बांटी जा रही है। उन्हें 5 हजार रुपए दिए गए हैं। साथ ही हेल्थ चेकअप कैम्प भी लगाए गए।
क्या है सरकार का रुख ?
हालातों को ध्यान में रखते हुए पीएम मोदी ने रविवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को फोन कर इस बाबत जानकारी ली। धामी ने बताया कि PM ने कई तरह के प्रश्न पूछे जैसे कितने लोग इससे प्रभावित हुए हैं, कितना नुकसान हुआ, लोगों के विस्थापन के लिए क्या किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने जोशीमठ को बचाने के लिए हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है।
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लैंडस्लाइड का है बड़ा रिस्क
PMO से मीटिंग के दौरान एक्सपर्ट ने जोशीमठ में बड़े रिस्क की आशंका जाहिर की गई है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि ब्लास्टिंग और शहर के नीचे सुरंग बनाने की वजह से पहाड़ धंस रहे हैं। अगर इसे तुरंत नहीं रोका गया, तो शहर मलबे में बदल सकता है।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने सुप्रीम कोर्ट में PIL दाखिल की
ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य जगद्गुरु स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने सुप्रीम कोर्ट में PIL दाखिल की है। उन्होंने कहा- पिछले एक साल से जमीन धंसने के संकेत मिल रहे थे। सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया गया। ऐतिहासिक, पौराणिक और सांस्कृतिक नगर जोशीमठ खतरे में हैं।
NTPC का बयान
NTPC ने एक बयान में कहा- “एनटीपीसी की बनाई गई सुरंग जोशीमठ शहर के नीचे से नहीं गुजरती है। यह टनल एक टनल बोरिंग मशीन द्वारा खोदी गई है और वर्तमान में कोई ब्लास्टिंग नहीं की जा रही है।” फिलहाल जोशीमठ और आसपास के इलाकों में कंस्ट्रक्शन पर रोक लगा दी गई है.