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जोशीमठ में भू -धंसाव संकट गहराया 900 के करीब पहुंची दरार वाली इमारतों की संख्या !

165 इमारतें डेंजर ज़ोन में,दो बड़े होटलों को गिराने का काम जारी !

नेशनल डेस्क – जोशीमठ में भू -धंसाव संकट हर दिन गहराता जा रहा है .बता दें कि जोशीमठ में दरार वाली इमारतों की संख्या बढ़कर 849 हो गई हैं, इनमें से 165 डेंजर ज़ोन में हैं. लोगों को निकाल कर सुरक्षित अस्थायी रिलीफ़ सेंटर में पहुंचाने का काम जारी है. दो होटलों को भी गिराने का काम चल रहा है.

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पलायन को मजबूर लोग

जोशीमठ में लोग काफी समय से शिकायत कर रहे थे की उनके घरों में दरारें आ रहीं है .धीरे धीरे ये संख्या बढ़ती गई. अब आलम ये है कि जोशीमठ में 900 के करीब घरों में दरारें आ गयी हैं .न चाहते हुए भी लोग पालयन के लिए मजबूर हैं .लोग अपने घरों को छोड़कर राहत शिविरों में पनाह ले रहे हैं .

237 परिवारों के कुल 800 लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुँचाया गया

जोशीमठ में रहत बचाव कार्य प्रसाशन की ओर से जारी है .बता दें कि अबतक प्रसाशन ने 237 परिवारों के कुल 800 लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचा दिया है .जोशीमठ से बाहर सुरक्षित 83 जगहों पर 615 कमरों का इंतज़ाम किया गया है. इसके अलावा पीपलकोट में 20 इमारतों में 4191 कमरों को अस्थायी शेल्टर बनाया गया है.

ज़िला प्रशासन ने अभी तक 3 करोड़ से अधिक की मदद पहुंचाई

पिछले कुछ वक्त से उत्तराखंड के लोग शिकायत कर रहे थे कि उनके घर ज़मीन में धंस रहे थे कि उनमें दरारें आ रही हैं.इसके बाद दरारें बढ़ती गईं, इस पूरे क्षेत्र को ‘सिंकिंग ज़ोन’ करार दिया गया. और सरकार ने शहर को खाली करने का फ़ैसला लिया.केंद्र से लेकर राज्य सरकार की संस्थाएं जोशीमठ संकट से उबरने की कोशिशों में लगी हुई हैं. लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया जा रहा है. इलाके में एनडीआरफ़ और एसडीआरफ़ की टीमें तैनात हैं.

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