दिल्ली में आवास पर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया पार्थिव शरीर
JDU के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव का गुरुवार की रात 75 साल की उम्र में निधन हो गया। उनके निधन के बाद बिहार में शोक की लहर है। उन्होंने दिल्ली के एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली। एमपी के बाबई तहसील के आंखमऊ गांव में शनिवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
कल होगा अंतिम संस्कार
JDU के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए दिल्ली के छतरपुर में उनके आवास पर रखा गया है। शुक्रवार को गृहमंत्री अमित शाह, राहुल गांधी, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने उन्हें उनके निवास पहुंचकर श्रद्धांजलि दी।
बेटी ने दी शरद यादव के निधन की जानकारी
शरद यादव का गुरुवार को दिल्ली के एक निजी अस्पताल में निधन हुआ था। उनकी बेटी सुभाषिनी यादव ने रात पौने 11 बजे सोशल मीडिया पर उनके निधन की जानकारी दी। शुभाषिनी ने ट्वीट में लिखा, ‘पापा नहीं रहे’। उनकी उम्र 75 साल थी।
लंबे से किडनी से जुड़ी समस्याओं से परेशान थे शरद
शरद यादव लंबे से किडनी से जुड़ी समस्याओं से परेशान थे,उनको डायलिसिस दिया जा रहा था। फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट ने बयान जारी कर कहा कि उन्हें गुरुवार को अचेत अवस्था में फोर्टिस में आपात स्थिति में लाया गया था। वे मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम जिले में स्थित बाबई के रहने वाले थे। उनका जन्म 1 जुलाई 1947 को किसान परिवार में हुआ।
छात्र राजनीति से ही शुरू किया था राजनीतिक करियर
- शरद यादव का राजनीतिक करियर तो छात्र राजनीति से ही शुरू हो गया था, लेकिन सक्रिय राजनीति में उन्होंने साल 1974 में पहली बार जबलपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा।
- ये समय जेपी आंदोलन का था। जेपी ने उन्हें हल्दर किसान के रूप में जबलपुर से अपना पहला उम्मीदवार बनाया था। शरद इस सीट को जीतने में कामयाब रहे और पहली बार संसद भवन पहुंचे।
- इसके बाद साल 1977 में भी वे इसी सीट से सांसद चुने गए। उन्हें युवा जनता दल का अध्यक्ष भी बनाया गया। इसके बाद वे साल 1986 में राज्यसभा के लिए चुने गए।
- यादव 1989-90 केंद्रीय मंत्री रहे। उन्हें टेक्सटाइल और फूड प्रोसेसिंग मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया था।
- उन्होंने बिहार की सियासत में अपना एक अलग कद और स्थान बनाया।
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