हिमाचल सरकार घाटा कम करने और कमाई बढ़ाने के लिए लेने जा रही कड़े फैसले
हिमाचल डेस्क –हिमाचल प्रदेश में सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार घाटा कम करने और कमाई बढ़ाने के लिए कड़े फैसले लेने जा रहे हैं यानी केवल सत्ता नहीं बल्कि व्यवस्था बदलने के लिए काम शुरू हो रहा है बता दें कि हिमाचल में घाटे वाले बोर्ड निगमों का विलय होने जा रहा है.
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सीएम के निर्देश पर मुख्य सचिव ने विभागों से मांगी रिपोर्ट
सीएम के निर्देश पर मुख्य सचिव ने विभागों से रिपोर्ट मांगी है ,मुख्य सचिव ने अफसरों के साथ बैठक की इसके बाद यह निर्णय लिया गया। वर्तमान की अगर बात की जाए तो राज्य सरकार के सभी विभागों में करीब 22 बोर्ड या निगम है। इनमें नियुक्त कर्मचारियों की संख्या 40000 से ज्यादा है इन बोर्ड निगमों में से 70 फीसद से ज्यादा घाटे में है मुख्य सचिव का कहना है कि सरकार अनावश्यक खर्च कम करना चाहती है और अपना राजस्व बढ़ाने की संभावनाओं को परखा जा रहा है.
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सरकारी अफसरों से भी दो कदम आगे चल रहे सुक्खू
संबंधित विभागों को लक्ष्य दे दिए गए हैं और राज्य में नई सरकार बनने के बाद अचानक यह बदलाव इसलिए आया क्योंकि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकारी अफसरों से भी दो कदम आगे चल रहे हैं बैठक में कुछ बिंदु सामने आने के बाद मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को इन मामलों का रिव्यू करने को कहा था अब प्रशासनिक सचिवों और निदेशकों से इस बारे में रिपोर्ट मांगी गई है और उसके बाद सरकार अपना अगला कोई कदम उठाएगी
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विलय होंगे घाटे वाले बोर्ड-निगम
सुक्खू के निर्देश पर मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने सचिवालय में प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों और जिलाधीशों के साथ एक बड़ी बैठक की। इस बैठक में प्रशासन सचिवों को कहा गया है कि सरकार घाटे वाले बोर्ड-निगमों को विलय करना चाहती है, इसलिए जिस विभाग के तहत कोई भी बोर्ड या निगम है, वह इनके विलय को लेकर रिपोर्ट पेश करे।
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