प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक चुटकुले को लेकर कांग्रेस ने उन पर चौतरफा हमला बोला है। साथ ही में ‘कांग्रेस का मतलब झूठी गारंटी’ वाली टिप्पणी को कांग्रेस ने हताशा और निराशा वाली टिप्पणी करार दिया है। गुरुवार को पीएम मोदी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए जयराम रमेश और कांग्रेस पार्टी ने कहा कि पीएम मोदी ने निराशा और हताशा में यह टिप्पणी की है। इंदिरा गांधी और राहुल गांधी ने भी प्रधानमंत्री पर जमकर निशाना साधा है। आपको बता दें कि पीएम मोदी ने आज कर्नाटक भाजपा के कार्यकर्ताओं को वर्चुअली संबोधित किया था। और जानाकारी हासिल करने के लिए इस Latest indian political news के आर्टिकल को पूरा पढ़िए।
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आत्महत्या का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए: राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी एक ट्वीट कर पीएम मोदी पर हमला बोला है। राहुल ने कहा, “हजारों परिवार आत्महत्या के कारण अपने बच्चों को खोते हैं। प्रधानमंत्री को उनका मजाक नहीं उड़ाना चाहिए।”
आत्महत्या हंसी का विषय नहीं
वहीं, प्रियंका गांधी ने कहा, “अवसाद और आत्महत्या खासकर युवाओं में कोई हंसी का विषय नहीं है। उन्होंने वीडियो के साथ लिखा कि युवाओं में अवसाद और आत्महत्या जैसा विषय पर ध्यान देना चाहिए ना की हंसना चाहिए। एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, 2021 में 1,64,033 भारतीयों ने आत्महत्या की। जिनमें से एक बड़ा प्रतिशत 30 वर्ष से कम आयु के थे। यह एक त्रासदी है मजाक नहीं।” प्रियंका ने आगे कहा कि पीएम और उनके मजाक पर दिल खोलकर हंसने वालों को इस असंवेदनशील मुद्दों का उपहास करने के बजाय खुद को बेहतर ढंग से शिक्षित करना चाहिए और जागरूकता पैदा करनी चाहिए।
इसको लेकर कांग्रेस पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से भी ट्वीट हुआ है। इस ट्वीट में लिखा है, “प्रधानमंत्री जी आत्महत्या पर ‘चुटकुला’ सुना रहे हैं। आत्महत्या को लेकर कोई भी इंसान इतना संवेदनहीन कैसे हो सकता है? हमारे देश में हर रोज 450 लोग आत्महत्या करने को मज़बूर हैं और प्रधानमंत्री के लिए यह ‘चुटकुला’ है।”उन्होंने कहा कि इस तरह के असंवेदनशील लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों का उपहास करने के बजाय खुद को बेहतर ढंग से शिक्षित करना चाहिए और दूसरों को भी ऐसे मुद्दों के प्रति जागरूक करना चाहिए।
आंकड़ों का दिया हवाला
उन्होंने एनसीआरबी के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि 2021 में एक लाख 64 हजार 33 भारतीयों ने आत्महत्या की है। इसमें से एक बड़ा प्रतिशत 30 वर्ष से कम उम्र के लोगों का था।
क्या है पूरा मामला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में शामिल होते हुए हल्के-फुल्के मूड में जोक सुनाया था। उन्होंने बताया कि यह चुटकुला हम बचपन से सुनते आए हैं। एक प्रोफसर थे। उनकी बेटी ने आत्महत्या की, जो एक पत्र छोड़कर गई कि मैं जिंदगी से थक गई हूं। मैं जीना नहीं चाहती हूं, मैं कांकरिया में कूद कर मर जाउंगी। सुबह प्रोफसर ने देखा कि बेटी घर में नहीं है। ढूंढने पर उसके बिस्तर पर एक चिट्ठी मिली, जिसे पढ़कर प्रोफसर को गुस्सा आया।
वह सोचने लगे कि मैं प्रोफसर… मैंने इतने साल मेहनत की और मेरी लड़की अभी भी कांकरिया की स्पेलिंग गलत लिख रही है। पीएम के इस चुटीले अंदाज पर जहां लोग ठहाके भरते नजर आए तो वहीं प्रियंका गांधी ने आत्महत्या जैसे गंभीर विषय पर चुटकुले सुनाने पर हैरानी जताई है।
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