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OPS बहाली के बाद प्रदेश में जमकर हो रही सुक्खू सरकार की सराहना – वरिष्ठ अधिवक्ता एवं वरिष्ठ अतिरिक्त महाधिवक्ता,आई एन मेहता

हिमाचल प्रदेश सरकार ने किया 101 करोड़ रुपये की लागत से मुख्यमंत्री सुख-आश्रय सहायता कोष का गठन !

हिमाचल डेस्क – हिमाचल में सुक्खू सरकार के आने के बाद प्रदेशवासी सुक्खू सरकार की योजनाओं की जमकर सराहना कर रहे हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता एवं वरिष्ठ महाधिवक्ता,(हिमाचल प्रदेश सरकार )आई एन मेहता ने कहा कि प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की कल्याणकारी योजनाओं की पूरे प्रदेश में जमकर सराहना हो रही है। हिमाचल में OPS बहाली का मुद्दा सबसे बड़ा था,जिसको लेकर सियासत गरमाई हुई थी। हिमाचल में सुक्खू सरकार आते ही OPS बहाली की गई। और इस योजना से प्रदेश में 1 लाख 36 हज़ार कर्मचारी लाभान्वित होंगे।

101 करोड़ रुपये की लागत से मुख्यमंत्री सुख-आश्रय सहायता कोष का गठन

बता दें कि प्रदेश सरकार ने 101 करोड़ रुपये की लागत से मुख्यमंत्री सुख-आश्रय सहायता कोष का गठन किया है। इसके माध्यम से जरूरतमंद बच्चों एवं निराश्रित महिलाओं को इंजीनियरिंग कॉलेज, आईआईआईटी, एनआईटी, आईआईएम, आईआईटी, बहुतकनीकी संस्थानों, नर्सिंग एवं स्नातक महाविद्यालयों आदि में उच्च शिक्षा एवं व्यावसायिक प्रशिक्षण उपलब्ध करवाया जाएगा।

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वरिष्ठ अधिवक्ता एवं वरिष्ठ महाधिवक्ता,आई एन मेहता ने सीएम के प्रयासों को सराहा

बता दें कि वरिष्ठ महाधिवक्ता,आई एन मेहता ने सुक्खू सरकार के प्रयासों की भरपूर सराहना की है.फिर चाहे वो OPS बहाली का मुद्दा हो या फिर मुख्यमंत्री सुख-आश्रय सहायता कोष का गठन करना हो। आई एन मेहता ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री ने जनता के उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए अपने किए वायदे पूरे किए हैं.और आगे भी वे जनता की उम्मीदों पर खरा उतरेंगे।

मुख्यमंत्री ने अपना पूरा वेतन सुख-आश्रय सहायता कोष के लिए दिया

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपना पूरा वेतन सुख-आश्रय सहायता कोष के लिए प्रदान किया है और सभी कांग्रेस विधायकों ने भी इस कोष के लिए एक-एक लाख रुपये का योगदान दिया है। राज्य सरकार वृद्धाश्रमों और आश्रय गृहों में रह रहे बच्चों की अभिभावक है। सरकार ने इन संस्थानों में रहने वालों को 10 हजार रुपये का परिधान भत्ता प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष प्रदान करने का निर्णय लिया है।

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ऋण के बोझ के बावजूद, राज्य सरकार निभाएगी अपने वायदे

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पेंशनरों को लाभ प्रदान करने के लिए भी प्रतिबद्ध है। ऋण के बोझ के बावजूद, राज्य सरकार अपने सभी वायदों को पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ रही है, लेकिन कठिन निर्णय भी अपरिहार्य हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि आगामी वर्षों में राज्य की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी, जिसके लिए समाज के हर वर्ग के सहयोग की आवश्यकता है। 44 दिनों के कार्यकाल में सरकार ने अपनी प्रतिबद्धताओं पर खरा उतरने के लिए हरसंभव प्रयास किए हैं

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