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शिमला। हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में विधानसभा चुनाव संपन्न हो गए। जहां हिमाचल में हर नागरिक ने अपनी-अपनी पसंद के उम्मीदवारों को इलेक्ट (Elect) किया तो कुछ उम्मीदवार ऐसे भी रहे जिन्होंने किसी भी दल के उम्मीदवार (Candidate) को पसंद नहीं किया। यही कारण रहा कि इस बार के विधानसभा चुनावों (Assembly Election) में हिमाचल के 27039 लोगों ने नोटा दबाकर अपनी असंतुष्टि जताई है। इन लोगों ने साफ संदेश दिया है कि हमारी च्वाइस का कोई भी उम्मीदवार नहीं है। वहीं 2017 के विधानसभा चुनाव में 34232 लोगों ने नोटा का बटन दबाया था।
वैसे तो हिमाचल प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों में नोटा दबाया दबाया गया मगर बैजनाथ में सबसे ज्यादा यानी कि 669 लोगों ने नोटा दबाया। वहीं लाहौल स्पीति विधानसभा सीट पर सबसे कम 67 लोगों ने नोटा (NOTA) का बटन दबाया है। 7 विधानसभा क्षेत्र में 500 से ज्यादा लोगों ने नोटा को वोट दी है। 17 विधानसभा क्षेत्रों 300 से ज्यादा वोट नोटा को पड़े। 17 विधानसभा क्षेत्रों में 200 से ज्यादा वोट नोटा को दिए गए। 4 विधानसभा क्षेत्रों में 100 से ज्यादा वोट नोटा को मिले हैं। तो इसमें कोई दोराय नहीं कि कुछ समीकरण नोटा ने भी बिगाड़े हैं। चुनाव में जीत का मार्जिन 100 से 500 के बीच में ही रहा है। अगर नोटा नहीं होता तो चुनावी नतीजे कुछ और भी हो सकते थे।
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