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हिमाचली बागबानों की बढ़ी मुश्किलें,जानिए कैसे …….

अब जापान से आने वाला सेब बनेगा हिमाचली बागबानों के लिए नई चुनौती !

हिमाचल डेस्क – पहले से ही विदेशी सेब के आयात का विरोध कर रहे हिमाचल के बागवानों के लिए अब एक और मुसीबत खड़ी होने वाली है। जापान अब भारत के लिए सेब निर्यात बढ़ाने की तैयारी में है। जापान 24 नवंबर को जापान-भारत खाद्य और कृषि संगोष्ठी में इसकी पेशकश रखेगा। इस संगोष्ठी में हिमाचल प्रदेश के अधिकारी भी शामिल होंगे। हिमाचल प्रदेश के सेब बागवान पहले से ही विदेशी सेब के आयात का विरोध कर रहे हैं। वे विदेशी सेब पर 100 प्रतिशत आयात शुल्क बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। नई दिल्ली में जापान-भारत खाद्य और कृषि संगोष्ठी 24 नवंबर को होगी, जो सतत खाद्य आपूर्ति और कृषि निवेश पर केंद्रित होगी। इसमें भारत और जापान के उद्योगपतियों, शिक्षाविदों और नेताओं के बीच विभिन्न योजनाओं की जानकारी साझा होगी।

जापानी सेब के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा

जापान के कृषि, वानिकी और मत्स्य मंत्रालय का यह आयोजन कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय और खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय की साझेदारी में होगा। भारत में जापान के दूतावास की ओर से इसे सह-प्रायोजित किया जा रहा है। जापान की शीर्ष व्यापार संवर्द्धन एजेंसी जेतरो भी इस आयोजन में सहयोग कर रही है। जापान के दूतावास ने इस संबंध में यह जानकारी साझा की है कि इस संगोष्ठी का उद्देश्य मार्च में जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा की भारत यात्रा से जुड़ा हुआ है। इस दौरान पांच ट्रिलियन येन निवेश लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए भारत में जापानी निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा। इससे जापानी सेब सहित जापान के अन्य कृषि उत्पादों और खाद्य पदार्थों के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा, जिनसे मार्च में आयात प्रतिबंध हटा लिया गया है। इस संगोष्ठी के लिए हिमाचल से पहले मुख्य सचिव आरडी धीमान का जाना प्रस्तावित रहा है। हालांकि, उनसे बात हुई तो वह बोले कि संभवतया वित्त विभाग के अधिकारी ही इस संगोष्ठी में जाएंगे।

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