इस बार प्रचार में नहीं छोड़ी BJP-कांग्रेस ने कसर,वोटरों को लुभाने का किया भरसक प्रयास !
हिमाचल में इस बार रैलियों की बाढ़ देखने को मिली फिर चाहे भाजपा हो या कांग्रेस,सभी पार्टियों ने पुरज़ोर कोशिश की है जनता के वोट पाने की ,हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार भाजपा-कांग्रेस के बीच चुनावी युद्ध से अलग रैली युद्ध भी देखने को मिला । 2017 के विधानसभा चुनाव में पूर्व CM वीरभद्र सिंह ने 84 साल की उम्र में अकेले 85 जनसभाएं की थी,लेकिन इस बार प्रदेश कांग्रेस के सभी स्टार-कैंपेनर भी इतनी जनसभाएं नहीं कर पाए। कांग्रेस के ज्यादातर राष्ट्रीय नेता एवं स्टार प्रचारक प्रेंस कॉफेंस तक सीमित रहे या इक्का-दुक्का जनसभाएं करके वापस लौट गए।
कांग्रेस की तुलना में भाजपा ने की दोगुनी रैलियां
वहीं सत्तारूढ़ भाजपा ने आक्रामक प्रचार करते हुए कांग्रेस की तुलना में लगभग दोगुना जनसभाएं की हैं,लेकिन यह रैलियां वोटर्स को कितना अपने पक्ष में कर पाती हैं, यह तो 8 दिसंबर को मालूम होगा। ताकत के लिहाज से सभी दलों ने प्रचार में पूरी जान फूंकी है। कांग्रेस के राज्य व राष्ट्रीय नेताओं ने लगभग 83 रैलियां की हैं। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं ने ही प्रदेश में 68 से ज्यादा जनसभाएं कर डालीं। राज्य के BJP नेताओं को मिलाकर पार्टी ने लगभग 145 छोटी-बड़ी जनसभाएं की।