सिसोदिया ने खटखटाया था गिरफ्तारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा
नेशनल डेस्क – आबकारी नीति मामले में गिरफ्तार दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं.बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अब सिसोदिया को बड़ा झटका दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया की याचिका पर सुनवाई की है। और हाईकोर्ट का रूख कने की सलाह दी है। अदालत ने आबकारी नीति मामले में गिरफ्तार उपमुख्यमत्री मनीष सिसोदिया को पांच दिन की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो में सौंपा है।
खबरें और भी हैं…आखिर क्या है वजह,जिसके चलते सिसोदिया हुए गिरफ्तार ?
सिसोदिया के वकील ने ये कहा
इस मामले में सिसोदिया पर कई मोबाइल बदलने का आरोप लगा था.जिसको लेकर सिसोदिया के वकील ने ये दलील दी थी कि मोबाइल फोन बदलना कोई अपराध नहीं है। अदालत ने आबकारी नीति मामले में गिरफ्तार उपमुख्यमत्री मनीष सिसोदिया को पांच दिन की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो में सौप दिया। अदालत ने माना कि जांच के हित में रिमांड जरूरी है। इसी के खिलाफ सिसोदिया ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन उन्हें वहां से राहत नहीं मिली।
खबरें और भी हैं…AAP-BJP के बीच छिड़ी जुबानी जंग:CBI के सामने पेश हुए दिल्ली के डिप्टी सीएम
सुप्रीम कोर्ट में दो जजों की बेंच ने की सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में दो जजों की बेंच सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई की। वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ और जस्टिस नरसिम्हा की बेंच के सामने मनीष सिसोदिया का पक्ष रखा। सुनवाई के दौरान जजों ने कहा कि आप हाईकोर्ट जा सकते थे। सीधे सुप्रीम कोर्ट आना अच्छी और स्वस्थ परंपरा नहीं। आपके पास जमानत के लिए हाईकोर्ट का विकल्प है।
बिटकॉइन से जुड़ा हर लेटेस्ट अपडेट इस लिंक पर पाएं…http://blognext.in
सुप्रीम कोर्ट ने मामले से किया किनारा
जस्टिस पीएस नरसिम्हा ने कहा कि मामला दिल्ली में होने का यह मतलब नहीं कि आप सीधे सुप्रीम कोर्ट का रूख करें। उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री सिसोदिया के पास अपनी जमानत को लेकर कई सारे विकल्प हैं। उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट जाना चाहिए। इस मामले में हम कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकते। वहीं सूत्रों के मुताबिक आम आदमी पार्टी सुप्रीम कोर्ट की सलाह पर अब इस मामले को हाईकोर्ट में लेकर जाएगी।