रिकॉर्ड वोटिंग के अलग-अलग निकाले जा रहे हैं मायने !
भाजपा और कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्षों के विधानसभा क्षेत्रों में रिकॉर्ड वोटिंग से सियासी गणितज्ञ चकरा गए हैं। इसके अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं। चुनावी रणनीति में माहिर डॉ. राजीव बिंदल के नाहन हलके में 81.45 प्रतिशत मतदान हुआ। 2017 में बिंदल के खिलाफ कांग्रेस प्रत्याशी अजय सोलंकी उम्मीदवार थे। इस चुनाव में बिंदल 3,990 मतों से जीते थे। 2012 में बिंदल ने कांग्रेस प्रत्याशी कुश परमार को 12,824 मतों से हराया था। इस बार भी यहां बिंदल का कांग्रेस प्रत्याशी अजय सोलंकी से मुकाबला है। नाहन में छह उम्मीदवार हैं। यहां एक प्रत्याशी आप और एक अन्य आरडीपी से है। पूर्व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती के ऊना हलके में 77.55 प्रतिशत वोट पड़े हैं। सत्ती वर्ष 2017 के चुनाव में यहां कांग्रेस प्रत्याशी सतपाल रायजादा से 3,196 मतों से हार गए थे। वर्ष 2012 के चुनाव में यहां सत्ती ने रायजादा को 4,746 मतों से हराया था।
खीमीराम चुनाव से पहले भाजपा छोड़कर कांग्रेस में हुए शामिल
भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष रहे और इस बार कांग्रेस के टिकट पर बंजार से चुनाव लड़ने वाले खीमी राम के हलके बंजार में भी 79.62 प्रतिशत मत पडे़ हैं। यहां खीमी राम का मुकाबला भाजपा विधायक सुरेंद्र शौरी से है। खीमीराम चुनाव से पहले भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे। बंजार में भी छह प्रत्याशी हैं। यहां पूर्व सांसद महेश्वर के बेटे हितेश्वर सिंह भी चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कौल सिंह ठाकुर के द्रंग हलके में 79.27 फीसदी मतदान हुआ है। यहां पर भाजपा ने सिटिंग विधायक जवाहर ठाकुर का टिकट काटकर पूर्ण चंद को दिया है। वर्ष 2017 में जवाहर ठाकुर ने कांग्रेस के तत्कालीन मंत्री कौल सिंह ठाकुर को 6,541 मतों से पराजित किया था। उससे पिछले वर्ष 2012 के चुनाव में कौल सिंह ठाकुर ने जवाहर ठाकुर को 2232 मतों से हराया था। इस बार यहां पर तीन ही उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें एक उम्मीवार बसपा से है।