Chaitra Navratri 2024 Auspicious Yoga: भारत में चैत्र नवरात्रि उत्सव 9 अप्रैल को शुरू हुआ। 16 अप्रैल, आठवां दिन, सबसे शुभ दिनों में से एक है – चैत्र दुर्गा अष्टमी। यह दिन भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस शुभ अवसर पर देवी दुर्गा के 8वें स्वरूप महागौरी अवतार की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि महाअष्टमी के दिन शुभ मुहूर्त में देवी की पूजा करने से उत्तम फल की प्राप्ति होती है।
बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक Chaitra Navratri 2024 Auspicious Yoga
भक्त 16 अप्रैल को महा अष्टमी का व्रत रखेंगे। उनके अनुसार, इस दिन, देवी दुर्गा ने राक्षसों चंड और मुंड का वध किया था, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक था। ऐसा माना जाता है कि अगर मां दुर्गा की पूजा विधि-विधान से की जाए तो सभी शत्रुओं का नाश हो जाता है।
अष्टमी पूजा करने का आग्रह
अष्टमी तिथि 15 अप्रैल को रात 11:12 बजे से शुरू होगी और 16 अप्रैल को दोपहर 1:46 बजे तक रहेगी। हालांकि, उदया तिथि के अनुसार अष्टमी तिथि का व्रत 16 अप्रैल को ही रखा जाएगा। उन्होंने भक्तों से दोपहर से पहले अष्टमी पूजा करने का आग्रह किया।
सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठानों में से एक
चैत्र दुर्गा अष्टमी के शुभ अवसर पर दो शुभ योग बने हैं। एक है धृति योग और दूसरा है शूल योग। इन दोनों योगों में देवी की पूजा करना भक्तों के लिए शुभ रहेगा। दुर्गा अष्टमी के दिन कन्या पूजा भी सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठानों में से एक है। आमतौर पर इस दिन तीन से आठ साल की नौ कन्याओं की पूजा की जाती है। ऐसा करने से देवी प्रसन्न होंगी और पूरे साल भक्तों पर कृपा बनाए रखेंगी। अष्टमी तिथि पर कन्या पूजन का शुभ समय सुबह 07:21 बजे से 11:05 बजे तक है। इस अनुष्ठान में इन छोटी लड़कियों को भोजन कराना भी शामिल है।
चैत्र दुर्गा अष्टमी पर महागौरी को चढ़ाए Chaitra Navratri 2024 Auspicious Yoga
चैत्र दुर्गा अष्टमी पर महागौरी की पूजा करते समय भक्तों को लाल कपड़े पहनने चाहिए और घी का दीपक जलाना चाहिए। पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने भक्तों से नारियल या नारियल से बनी मिठाई का भोग चढ़ाना चाहिए। इस दिन माता गौरी को गुड़हल का फूल अवश्य चढ़ाएं। इस दिन देवी को लाल चुनरी और सोलह श्रृंगार चढ़ाया जाता है। आप देवी को लाल कपड़े में लपेटकर चंदन, अक्षत, 1 रुपये का सिक्का, लौंग और कपूर चढ़ाकर भी प्रसन्न कर सकते हैं।
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