नई दिल्ली:इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने ‘जांच’ के दायरे में लिए जाने वाले मामलों के बारे में दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत ऐसे आयकरदाताओं (Taxpayers) जिन्होंने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा भेजे गए नोटिस का जवाब नहीं दिया है, उनके मामलों की जांच अनिवार्य रूप से की जाएगी। वहीं, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट उन मामलों की जांच भी करेगा जहां किसी लॉ इंफोर्समेंट एजेंसी या रेगुलेटरी अथॉरिटी द्वारा टैक्स चोरी से संबंधित विशिष्ट जानकारी उपलब्ध कराई गई है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के निर्देश पर आयकर विभाग ने देश में GST चोरी, टैक्स चोरी, फर्जी जीएसटी रजिस्ट्रेशन मामलों को रोकने के लिए छापेमारी अभियान शुरू चलाया हुआ है। और जानने के लिए इस Latest business news के आर्टिकल को पूरा पढ़िए।
LATEST BUSINESS NEWS
पिछले सप्ताह चला था अभियान
गौरतलब है, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के निर्देश पर आयकर विभाग ने इस महीने 16 तारीख से देशभर में टैक्स चोरी, जीएसटी चोरी, फर्जी जीएसटी रजिस्ट्रेशन जैसे मामलों को रोकने के लिए व्यापक अभियान शुरू किया था। अभियान के दौरान जिन आयकरदाताओं के दस्तावेज संदेहास्पद मिले हैं उन्हें सीबीडीटी ने नोटिस भेजा था। वहीं, इंडीविजुअल करदाताओं को भी नोटिस भेजा गया था, लेकिन जिन लोगों ने अब तक जवाब नहीं दिया है उनके मामलों की जांच अनिवार्य रूप से की जाएगी।
ये है नई गाइडलाइन
नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, कर अधिकारियों को आय में गड़बड़ियों के बारे में करदाताओं को 30 जून तक आयकर अधिनियम की धारा 143(2) के तहत नोटिस भेजना होगा। इसके बाद आयकरदाताओं को इस बारे में संबंधित दस्तावेज पेश करने होंगे। बता दें, नए दिशा-निर्देशों में स्पष्ट कहा गया है कि जहां अधिनियम की धारा 142(1) के तहत नोटिस के जवाब में कोई रिटर्न नहीं दिया गया है, ऐसे मामले को नेशनल फेसलेस असेसमेंट सेंटर (एनएएफएसी) को भेजा जाएगा, जो आगे की कार्रवाई करेगा।
आपको बता दें, आयकर अधिनियम की धारा 142(1) इनकम टैक्स अधिकारियों को रिटर्न दाखिल किए जाने की स्थिति में एक नोटिस जारी कर और स्पष्टीकरण या जानकारी मांगने का अधिकार देती है। जिन मामलों में रिटर्न दाखिल नहीं किया गया हो उन्हें निर्धारित तरीके से आवश्यक जानकारी पेश करने को कहा जाता है। ऐसे मामलों में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट एक इंटीग्रेटेड लिस्ट जारी करता है, जिनमें सक्षम प्राधिकरण द्वारा छूट को रद्द या वापस किए जाने के बावजूद टैक्सपेयर्स इनकम टैक्स रियायत या कटौती की मांग करता है। इसके अलावा कहा गया है कि अधिनियम की धारा 143(2) के तहत आयकरदाताओं को एनएएफएसी के माध्यम से नोटिस दिया जाएगा।
इनकम का गलत डेटा देने वाले समूहों पर नजर
सीबीडीटी के अनिवार्य चयन के दिशानिर्देश संकेत देते हैं कि आयकर अधिकारी टैक्सपेयर्स के कुछ स्पेसिफिक ग्रुप्स पर नज़र रख रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे अपनी आय की सही रिपोर्ट करें। सीबीडीटी ने आदेश दिया है कि सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में उन क्षेत्रों का विस्तार किया है जहां स्रोत पर टैक्स कटौती (TDS) या स्रोत पर टैक्स कलेक्शन (TCS) अब अनिवार्य हैं। इस डेटा के साथ ही जीएसटी और अन्य एजेंसियों से आने वाली जानकारियों का इस्तेमाल डेटाबेस बनाने में किया जा रहा है। इसके बाद जानकारी का टैक्स रिटर्न के साथ मिलान किया जाता है ताकि यह आकलन किया जा सके कि इनकम सही तरह से दर्शाई गई है या नहीं।