Shimla: हिमाचल प्रदेश में बीते तीन दिनो में अब तक भारी बारिश के कारण 71 लोगो की मौत हो चुकी है। वही दूसरी ओर अभी भी 13 लोग लापता बताए जा रहे है। प्रदेश के कुछ जिलों में हर समय एक खतरा सा बना हुआ है। खराब मौसम और भारी बारिश के कारण लैंडस्लाइड होने की वजह से शिमला में शिक्षा निदेशालय उच्च की आवासीय कॉलोनी को भी खतरा पैदा होगा है। कभी भी कुछ भी बड़ा हादसा होने का डर लोगो के मन मे बैठ चुका है।
24 जून को मानसून की शुरुवात से अब तक 214 लोगो को मौत
राज्य आपदकालीन परिचालान के अनुसार 24 जून को हिमाचल में मानसून की शुरुवात हुई थी और तब से लेकर अब तक प्रदेश में 214 लोगो की मौत हो चुकी है। जबकि 38 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे है। उपायुक्त आदित्य नेगी ने बताया की “समरहिल और कृष्णानगर में बचाव अभी यान जारी है और अब तक समरहिल से 13, फगली से पांच, और कृष्णानगर से दो शव निकाले गए है।”
मलबे में अभी और शव दबने की आशंका
सोमवार को भूस्खलन से शिव जी का मंदिर ढह जाने के कारण मलबे में अभी और शवो के दबने की आशंका जताई जा रही है। कृष्णानगर में भी खतरे हो देखते हुए 15 मकान खाली करवा दिए गए है साथ ही लोगो को सुरक्षित स्थानों में पहुंचा दिया गया है।
सेना, भारतीय वायु सेना, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल ने संभाला मोर्चा
सीएम सुक्खू ने बताया की सेना, भारतीय वायु सेना, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल ने बाढ़ और भूस्खलन क्षेत्रों से लोगो को निकलने का प्रयास कर रहे है। इसके साथ पुलिस और होमगार्ड के अधिकारियों को भी शामिल किया गया है।
पिछले 50 सालो से राज्य की सबसे विनाशकारी प्राकृतिक आपदा
मुख्यमंत्री सुक्खू ने ये भी कहा की “पिछले 50 वर्षो से राज्य की यह सबसे विनासकाती प्राकृतिक आपदा है। दूसरी ओर सेना के अधिकारियों ने बताया की हिमाचल प्रदेश में आठ टुकड़ियों की तैनाती में 5,000 से अधिक लोगो को बचाया गया है।