Race of Bureaucrats on Political Track: बीते कुछ वर्षों में भारत की राजनीति में बहुत बदलाव आए है। यह बदलाव राजनीति में अफसरशाहों या नौकरशाहों का आने के रूप में है। पहले भी अफसर राजनीति में आते रहे हैं। लेकिन अब बड़ी नंबर में आ रहे हैं। फिर चाहे वो दल कोई भी हो। खासकर पंजाब की राजनीति में आईएएस आईपीएस और पीसीएस अधिकारी समय-समय पर अपनी भाग्य आजमाते रहे हैं।कई सारे अफसरशाहों की नेता बनकर जनता की सेवा करने की अरमान दिल में होती है। ऐसे में जब नौकरी करते-करते वे उनका मन भर जाते हैं या मजबूत मेल हो जाते हैं तो वह किसी न किसी पार्टी से उम्मीद ढूंढ़ते हैं।
तरनजीत संधू बीजेपी का चेहरा बनेंगे Race of Bureaucrats on Political Track
राज्य में भी अफसरशाही व राजनीति का पुराना नाता है। पंजाब की राजनीति में आईएएस, आईपीएस, पीसीएस या पीपीएस अधिकारी अपनी किस्मत आजमाते रहे हैं।सियासत की रपटन भरी सड़क पर अफसरशाहों का ट्रैक रिकार्ड बहुत अच्छा नहीं रहा लेकिन,बेहद खराब भी नहीं रहा है। तरनजीत संधू पहले ऐसे अफसरशाह हैं जो भारतीय विदेश सेवा से राजनीति में आए हैं। संधू को लेकर स्पष्ट है कि वह अमृतसर से बीजेपी का चेहरा बनेंगे। फिर भी पिछले एक साल के करीब के समय को देखें तो एक बारह से ज्यादा अफसरशाह राजनीति में अपनी किस्मत आजमा चुके हैं।लेकिन ज़्यादा सफल बीजेपी के सोम प्रकाश ही रहे। सोमप्रकाश न सिर्फ दो बार अध्यक्ष बने बल्कि केंद्रीय राज्यमंत्री की चेयर तक पहुंचे। पंजाब की चारों ही राजनीतिक पार्टियां अफसरशाही पर जकीन करती रही हैं। सबसे ज़्यादा, भरोसा शिअद ने किया है। इसमें सबसे अतिरिक्त अफसर समिलित हुए हैं। फिर भी सोमप्रकाश को छोड़कर पराज्य में कोई भी अफसरशाह बड़ा चेहरा नहीं बन पाया है।
शिरोमणि अकाली दल ने 2012 के बाद से अभी तक चार आईएएस और एक सेवानिवृत्त जज को चुनाव हल्का, में उतारा है। शिअद का इस्तेमाल खासा साफल्य नहीं रहा। जस्टिस निर्मल सिंह और पूर्व आईएएस मंत्री एसआर कलेर ही चुनाव विजय कर सके। पूर्व डीजीपी परमदीप सिंह गिल, आईएएस कैप्टन तेजिंदर पाल सिंह सिद्धू, दरबारा सिंह गुरु जैसे अधिकारी राजनीति के मैदान पर नाकामयाब साबित हुआ
भारतीय जनता पार्टी
बीजेपी ने भी दो आईएएस अधिकारी सोम प्रकाश और जगमोहन सिंह राजू पर मौका खेला। सोम प्रकाश दो बार विधायक बने तो एक बार होशियारपुर से सांसद। वहीं, राजू अपना पहला विधानसभा चुनाव हार गए। अब भारतीय विदेश सेवा से सेवानिवृत्त हुए तरनजीत सिंह संधू भी बीजेपी में शामिल हुए। उन्हें पार्टी अमृतसर से नामांकन बना सकती है लेकिन अभी तक उनके नाम की ऐलान नहीं की गई है।
कांग्रेस Race of Bureaucrats on Political Track
कांग्रेस में नौकरशाहों का सबसे अच्छा ट्रैक इतिहास रहा है। 2017 से अभी तक कांग्रेस ने तीन नौकरशाह को मैदान में उतारा। इनका परिणाम 100 फीसद रहा। पूर्व आईएएस डा. अमर सिंह फतेहगढ़ से सांसद बने। 2017 में कुलदीप वैद्य जीते। लेकिन 2022 में हार गए। फगवाड़ा से पूर्व आईएएस बलविंदर सिंह 2019 में उपचुनाव और 2022 का विधान सभा चुनाव जीते।
आम आदमी पार्टी
आप ने भी एक आईपीएस और एक पीपीएस अधिकारी पर दांव खेला। सेवानिवृत्त आईपीएस कुंवर विजय प्रताप विधायक बने तो पीपीएस अधिकारी बलकार सिंह मौजूद टाइम में पंजाब में कैबिनेट अधिकारी है।
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